Electricity Supply in Agra: उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानियों पर जांच समिति ने लगाई लताड़
Electricity Supply in Agra उप्र विधान परिषद की प्रदेशीय विद्युत व्यवस्था संबंधी जांच समिति ने सर्किट हाउस में की बैठक। टोरंट पावर और डीवीवीएनएल से मांगी जानकारी जताई नाराजगी। एक होटल व्यवसायी की शिकायत का संज्ञान लेते हुए समिति सदस्यों ने टोरंट अधिकारियों से जानकारी मांगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र विधान परिषद की प्रदेशीय विद्युत व्यवस्था संबंधी जांच समिति ने टोरंट पावर और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानियों के निस्तारण के लिए बरती जाने वाली ढिलाई पर लताड़ लगाई। सर्किट हाउस में हुई बैठक में दोनों विभागों से जानकारी मांगी गई।
समिति द्वारा टोरंट से 24 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। जिसके संतोषजनक जवाब न देने पर अधिकारियों को समिति अध्यक्ष अरूण पाठक ने लताड़ लगाई। समिति के अध्यक्ष इस बात से भी नाराज दिखे कि टोरंट पावर से उच्च अधिकारी बैठक में नहीं पहुंचे थे। टोरंट पावर से जानकारी मांगी गई कि पिछले सालों में कितने लोगों को अनुग्रह राशि दी गई है। टोरंट इसका जवाब नहीं दे पाई। एस्टीमेट को लेकर भी सवाल किए गए। समिति सदस्यों ने टोरंट पावर दिए जा रहे कनेक्शन को लेकर भी सवाल उठाए, समिति ने कहा कि एक उपभोक्ता को बिजली का कनेक्शन दिया गया, उसके पड़ोस में रहने वाले उपभोक्ता को कनेक्शन क्यों नहीं दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की जानकारी किस माध्यम से दी जा रही है, इसका जवाब भी समिति को नहीं मिला। टोरंट अधिकारियों को लखनऊ भी तलब किया गया है। टोरंट को उपभोक्ताओं की समस्याओं के निस्तारण के लिए एक कमेटी बनाने के लिए कहा गया, जो डीवीवीएनएल की देख-रेख में संचालित होगी।
रात भर में डेढ़ लाख का बिल
एक होटल व्यवसायी की शिकायत का संज्ञान लेते हुए समिति सदस्यों ने टोरंट अधिकारियों से जानकारी मांगी। होटल व्यवसायी का आरोप था कि एक दिन पहले टोरंट ने मीटर लगाया, केबल जोड़ी गई, लाइन डाली गई। दूसरे दिन टोरंट की टीम ने डेढ़ लाख रुपये का एसेसमेंट बना कर दे दिया। इस मामले ने समिति ने टोरंट की भूमिका को संदिग्ध माना है। टोरंट पावर के उपाध्यक्ष शैलेस देसाई का कहना है कि बैठक में 24 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी, हमने बिंदुवार जवाब दिए।अन्य प्रश्नों के जवाब अगली बैठक में दिए जाएंगे।
उपभोक्ताओं को क्या लाभ दे रहे
समिति ने डीवीवीएनएल के अधिकारियों से पूछा कि कितने उपभोक्ताओं का बिल रिवाइज किया गया है। इस पर जानकारी दी गई है कि पांच लाख 47 हजार उपभोक्ता बेस बिल थे, जिनमें से दो लाख 64 हजार से ज्यादा बिल ठीक किए गए।डीवीवीएनएल ने बिलिंग एजेंसी की गलती बताई और पैनल्टी वसूलने की बात कही। इस पर समिति सदस्यों ने सख्त लहजे में कहा कि उपभोक्ता प्रताड़ित हुआ। उसने न जाने की कितने चक्कर काटे होंगे, परेशान हुआ होगा। इसकी भरपाई कैसे होगी? जानकारी मांगी गई कि ट्रांसफार्मर फुंकने का क्या अनुपात है, कितने घंटे में ट्रांसफार्मर बदला जाता है। इस पर जवाब मिला कि 48 घंटे में बदला जाता है, जिस पर समिति ने नाराजगी जाहिर की।
बैठक में यह रहे उपस्थित
अरविंद यादव एमएलसी इटावा, संजय लाठा एमएलसी मथुरा, मानवेंद्र प्रताप सिंह अलीगढ़ से, विधायक रामप्रताप सिंह चौहान, विधायक महेश गोयल, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, प्रबंध निदेशक डीवीवीएनएल अमित किशोर, निदेशक कर्मशियल एसके गुप्ता, निदेशक तकनीकी बीके शर्मा, मुख्य अभियंता अंशुल अग्रवाल, मुख्य अभियंता 2 मनोज कुमार पाठक, टोरंट पावर से उपाध्यक्ष शैलेश देसाई व अन्य अधिकारी।
बिना एसी के हुई बैठक
समिति की बैठक सर्किट हाउस की नई इमारत के मीटिंग हाल में हुई। 11 बजे से शुरू हुई मीटिंग तीन बजे तक चली। इस दौरान एक भी एेसी नहीं चला। हाल के दरवाजे खोले गए।इसकी जानकारी टोरंट पावर को हुई तो उन्होंने जांच कराई, जिस पर पता चला कि तकनीकी गड़बड़ नहीं थी।पर बैठक के दौरान एसी नहीं चले, बैठक में उपस्थित हर व्यक्ति पसीने में भरा बैठा रहा।