Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीड हादसों की वजह बने अवैध स्टॉपेज, नियम रखे ताक पर

Yamuna Expressway जगह-जगह रुककर बसों में सवारी बैठाते हैं बस चालक। एक्सप्रेस वे पर ट्रक खड़े कर ढाबों पर खाना खाते हैं चालक। यमुना एक्सप्रेस वे पर इमरजेंसी की स्थिति को छोड़कर टोल के अलावा कहीं वाहनों का रुकना खतरों से खाली नहीं है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 28 Dec 2020 05:22 PM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2020 05:22 PM (IST)
Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीड हादसों की वजह बने अवैध स्टॉपेज, नियम रखे ताक पर
जगह-जगह रुककर बसों में सवारी बैठाते हैं बस चालक।

आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीडिंग हादसों का बड़ा कारण है। कुछ वर्षों में जिम्मेदारों की नजरअंदाजी के कारण एक बड़ा कारण और पैदा हो गया है। वह है एक्सप्रेस वे पर बने अवैध स्टापेज। कहीं सवारियों को बैठाने के लिए स्टापेज बने हैं तो कहीं ढाबों पर खाना खाने के लिए। लोहे के तारों की फेंसिंग यहां से गायब हो चुकी हैं। इन अवैध स्टापेज के कारण कई बार हादसे हो चुके हैं। कोहरे के दिनों में इनसे और हादसे हो सकते हैं। इसके बाद उभी कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। यमुना एक्सप्रेस वे पर इमरजेंसी की स्थिति को छोड़कर टोल के अलावा कहीं वाहनों का रुकना खतरों से खाली नहीं है। इसके बाद भी जिंदगी की परवाह किए बिना लोग इस पर अवैध अड्डे बना रहे हैं। कई स्थानों पर इंटरचेंज के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर सवारियां खड़ी रहती हैं। यहां रोडवेज और प्राइवेट बस रुकती हैं। इन स्थानों पर लोग एक्सप्रेस वे को क्रास भी करते हैं। कुछ स्थानों पर ग्रामीणों ने लोहे के तारों की फेंसिंग काट दी है। यहां से वे एक्सप्रेस वे पार कर दूसरी ओर से खेतों पर जाते हैं। सबसे बड़ी समस्या सर्दियों में ढाबों के सामने खड़े ट्रकों से होती है। यमुना एक्सप्रेस वे के दोनों ओर खेतों में ढाबे खुल गए हैं। इनके सामने लोहे के तारों की फेंसिंग काट दी गई हैं। एक्सप्रेस वे पर ट्रक, बस और कार खड़ी करके लोग इन ढाबों पर खाना खाते हैं। कोहरे में ये वाहन हादसों का कारण बन सकते हैं। इन पर भी जिम्मेदारों का कोई अंकुश नहीं है। कई बार इसको लेकर सवाल उठे हैं। मगर, ये अवैध स्टापेज खत्म नहीं हुए हैं। एक्सप्रेस वे के कारीडोर कंट्रोल इंचार्ज रिटायर्ड मेजर मनीष सिंह का कहना है कि तारों की फेंसिंग काटने और इन ढाबों पर कार्रवाई के लिए कई बार पुलिस व अन्य विभागों से पत्राचार किया गया है। मगर, अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है। 

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