यहां तो रोक के बाद भी चल रही प्लास्टिक

ताज के 500 मीटर दायरे में प्लास्टिक और पॉलीथिन पर रोक लगा दी गई लेकिन यह सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Jul 2018 11:32 AM (IST) Updated:Tue, 03 Jul 2018 11:32 AM (IST)
यहां तो रोक के बाद भी चल रही प्लास्टिक
यहां तो रोक के बाद भी चल रही प्लास्टिक

आगरा(जागरण संवाददाता): मंगलवार (03 जुलाई) को इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे है। लोग प्लास्टिक बैग (पॉलीथिन) का प्रयोग न करने के लिए जागरूक हों, इसलिए यह दिन मनाया जाता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए हाल में ताजमहल से पॉलीथिन का प्रयोग रोकने के लिए संदेश दिया गया था। ताज के 500 मीटर दायरे में प्लास्टिक और पॉलीथिन पर रोक लगा दी गई लेकिन यह सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया। हकीकत में ताज के आसपास भी खुलेआम प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग किया जा रहा है। दुकानदार पॉलीथिन के बैग में ही सामान दे रहे हैं।

यूनाइटेड नेशंस इन्वायरमेंट प्रोग्राम (यूएनईपी) द्वारा तीन जून को ताज के साये में थीम 'बीट प्लास्टिक पोल्यूशन' पर स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया गया था। केंद्रीय संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने ताज समेत देशभर के 100 आदर्श स्मारकों के 500 मीटर दायरे को प्लास्टिक, पॉलीथिन व गंदगी फ्री जोन बनाने की घोषणा की थी। इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग भी धीरे-धीरे बंद करने की शपथ ली गई थी। जोर-शोर से कार्यक्रम तो हो गया, लेकिन उसके बाद इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। जबकि इस अभियान के तहत प्लास्टिक की पानी की बोतलों, दोने, चम्मच, गिलास के प्रयोग को प्रतिबंधित करना है। ताज पर अभी भी इसके निदान के उपाय नहीं किए जा सके हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक की पानी की बोतलें लेकर देसी-विदेशी सैलानी स्मारक में प्रवेश कर रहे हैं। इसके लिए अभी तक जिम्मेदार विभागों ने कोई विकल्प नहीं तलाशा है। वहीं, सैलानी जो शू-कवर पहनकर स्मारक में जाते हैं, उनमें भी प्लास्टिक का यूज होता है। बोतलें व शू-कवर दोनों स्मारक में गंदगी करते हैं।

नहीं किया गया कोई कार्यक्रम:

जिला प्रशासन व एएसआइ ने तीन जून के बाद ताज के 500 मीटर के दायरे में प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने को कोई कार्यक्रम ही नहीं किया। डीएम ने एक दिन ताज का निरीक्षण कर वाटर प्वॉइंट्स बढ़ाने के निर्देश दिए थे, लेकिन एएसआइ ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।

यमुना किनारे 10 फुट तक जमा है पॉलीथिन:

ताजनगरी में यमुना के किनारों पर 10 फुट तक पॉलीथिन जमा हो चुकी है। आगरा कॉलेज के एनसीसी कैडेट्स द्वारा यमुना किनारे जमा पॉलीथिन हटाने को कदम उठाया था। उन्होंने जब वहां पॉलीथिन को हटाना शुरू किया तो उन्हें करीब 10 फुट गहराई तक पॉलीथिन मिली थी। पॉलीथिन मृदा की उर्वरक क्षमता को तो प्रभावित कर ही रही है, वहीं भूगर्भ जल रिचार्ज में भी बाधक बन रही है।

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