Ganesh Utsav 2020: गणपति विसर्जन से पहले ध्यान रखें यें जरूरी बातें, पढ़ें विधि भी

Ganesh Utsav 2020 1 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर होगा गणपति विसर्जन। पवित्र नदियों के अलावा प्रकृति प्रेमी देंगे घर ही कुंड में विदाइर्।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 31 Aug 2020 03:33 PM (IST) Updated:Mon, 31 Aug 2020 03:33 PM (IST)
Ganesh Utsav 2020: गणपति विसर्जन से पहले ध्यान रखें यें  जरूरी बातें, पढ़ें विधि भी
Ganesh Utsav 2020: गणपति विसर्जन से पहले ध्यान रखें यें जरूरी बातें, पढ़ें विधि भी

आगरा, जागरण संवाददाता। दस दिनों की अराधना का अंतिम पड़ाव आ चुका है। मंगलवार को घर घर में विराजे गणपति के विसर्जन का दिन है। अनंत चतुर्दशी पर गणेश उत्सव का समापन श्री गणेश की प्रतिमा के विसर्जन के साथ हो जाएगा लेकिन इससे पूर्व कुछ जरूरी बातें हैं जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार गणेश जी को हंसी खुशी व‍िदाई दें। इस दौरान काले कपड़े पहन कर न जाएं। क‍िसी खास तरह के नशे आद‍ि का सेवन न करें। व‍िसर्जन के दौरान क्रोध आद‍ि करने से बचें। इतना ही नहीं अपनी वाणी पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखें। मान्‍यता है क‍ि जो लोग ऐसी हरकते करते हैं उनसे भगवान गजानन अप्रसन्‍न हो जाते हैं।

विसर्जन की पूजा विधि

विसर्जन के दिन परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ मिलकर आरती करनी चाहिए। आरती में गणपति को 5 चीजें- दीप, फूल, धूप, सुगंध और नैवेद्य आदि चढ़ाए जाते हैं। आरती करने के बाद भगवान गणेश को भोग लगाया जाता है। भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों के बीच बांट दिया जाता है। आरती और प्रसाद के बाद परिवार का एक सदस्य एकदम धीरे-धीरे गणपति की मूर्ति को थोड़ा आगे बढ़ाता है। ऐसा घर से निकलने के 5 से 10 मिनट पहले किया जाता है। ऐसा करना गणपति को इशारा करता है कि अब विसर्जन का समय आ गया है। 

गणपति विसर्जन के नियम

− विर्सजन की पूजा व‍िसर्जन वाले द‍िन स्‍थाप‍ित गणेश जी की प्रत‍िमा को एक नई चौकी पर बिठाया जाता है। 

− इसके बाद गणपति की व‍िध‍िवत जल, सुपारी, पान, जनेऊ, दूर्वा, नारियल, लाल चंदन, धूप और अगरबत्ती से पूजा, अर्चना की जाती है। 

- विधिवत पूजा पाठ करके बप्पा को मोदक का भोग लगाएं। 

- अब एक रेशमी कपड़े में मोदक, थोड़े पैसे, दूर्वा घास और सुपारी रखकर उसमें गांठ लगा दें। इस पोटली को बप्पा के साथ ही बांध दें।

- आरती के समय घऱ के सब लोग मिलकर गणेश जी की आरती गाते हुए 'गणपति बाप्पा मोरया' के जयकारे लगाएं।

- इसके बाद अपने दोनों हाथ जोड़कर अपने मन में बप्पा से क्षमा प्रार्थना करते हुए अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा मांग लें। अब किसी पवित्र जलाशय में पूजा की सभी सामग्री के साथ गणपति का विसर्जन कर दें। 

गलती से भी न करें ये काम

विसर्जन से पूर्व करें ये अनुरोध 

आदिपूज्य भगवान लंबोदर, व्रकतुंड, विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति जैसे नामों से पुकारे जाने वाले गणेश जी से व‍िसर्जन के पहले हे श्री गणेश अगले साल आप पुनः जल्दी आइयेगा ये कहना बिल्कुल ना भूलें। शास्‍त्रों के अनुसार भी क‍िसी को भी व‍िदाई देते समय उसको दोबारा आने को कहना जरूरी होता है। इससे गणपत‍ि अपने भक्‍तों से प्रसन्‍न होते हैं। अनजाने में हुई गल्‍त‍ियों से क्षमा करने के के साथ ही उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।  

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