Garbage Disposal: ताजनगरी को मिली दस साल पुराने कूड़े के पहाड़ों से निजात

Garbage Disposal कुबेरपुर में 52 एकड़ में पड़ा था आठ लाख टन कूड़ा चार लाख टन को किया जा चुका है प्रॉसेस। कालिंदी विहार में कूड़े के पहाड़ को खत्म कर विकसित किया गया बुद्धा पार्क।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 03:13 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 03:13 PM (IST)
Garbage Disposal: ताजनगरी को मिली दस साल पुराने कूड़े के पहाड़ों से निजात
Garbage Disposal: ताजनगरी को मिली दस साल पुराने कूड़े के पहाड़ों से निजात

आगरा, जागरण संवाददाता। एक दो नहीं पूरे दस साल लगे। कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में कूड़े के पहाड़ नजर आते थे। अब यह धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। वजह है, पुराने कूड़े को अलग-अलग प्रॉसेस करना। इसके लिए पांच मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। अब तक चार लाख टन का निस्तारण किया जा चुका है।

नगर निगम का पहला खत्ताघर कालिंदी विहार में था। यह क्षेत्र आबाद में आ गया। इसके चलते बसपा शासनकाल में इसे खत्म करते हुए कुबेरपुर में कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया गया। हालांकि इससे पूर्व भी कूड़ा फेंका जा रहा था। इससे वहां पर भी कूड़े के ढेर लगने शुरू हो गए। कालिंदी विहार में खत्ताघर को बुद्धा पार्क के रूप में विकसित किया गया। कुबेरपुर में आठ लाख टन कूड़ा डंप हो चुका है। एक साल पूर्व निगम प्रशासन ने 27.35 करोड़ रुपये से कैपिंग कराने का निर्णय लिया गया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कैपिंग के बदले कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के आदेश दिए। जिस पर निगम प्रशासन ने काम शुरू किया। पांच मशीनों से कूड़े के पहाड़ों को खत्म किया जा रहा है। जल्द ही दो और मशीनें लगने जा रही हैं।

यह फायदा 

कूड़े के पहाड़ खत्म होने से वायु, जल और मृदा को फायदा होगा। हर दिन पहाड़ में अचानक आग लग जाती थी। इससे धुआं उठता रहता था। यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता था। इसी तरह से बारिश का पानी कूड़े को भी बहा ले जाता था, जबकि जिस क्षेत्र में कूड़ा जमा है। वहां का पानी पीने योग्य नहीं रह गया है।

ग्वालियर रोड पर भी मिलेगी कूड़े के ढेर से निजात

छावनी परिषद के आठ वार्ड का कूड़ा ग्वालियर रोड पर पड़ता है। कूड़े के जगह-जगह ढेर लगे हुए हैं। परिषद प्रशासन कूड़े के निस्तारण का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इससे आसपास के लोगों को होने वाली समस्या से निजात मिलेगी।

फैक्ट फाइल

- नगर निगम के सौ वार्ड से हर दिन 700 टन कूड़ा निकलता है।

- 370 टन सूखा और 330 टन गीला कूड़ा शामिल है।

- 370 में 131 टन कूड़े को प्रॉसेस किया जाता है। बाकी 239 टन कूड़े को कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में डंप कर किया जाता है।

- 330 टन गीले कूड़े में पूरे की खाद बनाई जाती है। निगम पार्कों सहित अन्य में लगे गमलों में इसी खाद का प्रयोग करता है।

- कुबेरपुर में आठ लाख टन कूड़ा जमा था। अब वर्तमान में चार लाख टन ही रह गया है। बाकी कूड़े को प्रॉसेस किया जा चुका है।

- सूखे और गीले कूड़े के निस्तारण का पूरा प्रयास किया जा रहा है। खासकर कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में दस साल पुराने पहाड़ों को खत्म किया जा रहा है। यह बड़ी उपलब्धि है।

नवीन जैन, मेयर  

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