मियां-बीवी के बीच विवाद के चार बड़े कारण, पत्‍नी को नजरअंदाज करना पड़ा भारी, आगरा में 35 पतियों पर मुकदमे की तलवार

पति-पत्नी की रार पहुंची थी पुलिस के पास काउंसलिंग को गए थे बुलाए। पत्नियों की शिकायत दूर करने का तीन बार खोया मौका। नोटिस भेजने के बावजूद लगातार तीन सप्ताह रहे गैर हाजिर पत्नियों से सुलह नहीं करने पर मुकदमा।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 12:27 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 12:27 PM (IST)
मियां-बीवी के बीच विवाद के चार बड़े कारण, पत्‍नी को नजरअंदाज करना पड़ा भारी, आगरा में 35 पतियों पर मुकदमे की तलवार
पति पत्‍नी के विवाद में आगरा में 35 पतियों पर कार्रवाई होने जा रही है।

आगरा, अली अब्‍बास। शहर के रहने वाले पति-पत्नी दोनों चिकित्सक हैं। एक साल पहले दोनों की शादी हुई। दंपती पर हनीमून पर गए थे। करीब सप्ताह भर साथ रहने के दौरान पति ने पत्नी में दिलचस्पी नहीं दिखाई। पत्नी ने अपने स्तर से छानबीन की तो सच्चाई का पता चलने पर होश उड़ गए। पति समलैंगिक निकला। जिससे विवाद इतना बढ़ा कि पत्नी अपने घर आ गई। मामला पुलिस तक पहुंचा तो उसने परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया। पुलिस ने पति को तीन बार नोटिस भेजा गया। जिससे कि काउंसलिंग करके उनके बीच सुलह कराई जा सके। मगर, पति लगातार तीन तारीख पर काउंसलिलंग को नहीं आया। उसके खिलाफ मुकदमे के आदेश किए गए हैं।

केस दो: शहर की रहने वाली चिकित्सक की शादी करीब पौने दो साल पहले झांसी के रहने वाले डाक्टर से हुई। चिकित्सक पत्नी करीब एक साल पहले अपनी ससुराल में आयोजित एक शादी समारोह में गई थी। वहां पर चिकित्सक पति के सगे संबंधी नशे में उसके साथ अभद्र व्यवहार कर दिया। पत्नी ने इसकी शिकायत चिकित्सक पति व ससुराल वालों से की। उन्होंने आरोपित सगे संबंधी को गलत ठहराने की जगह पीड़िता पर चुप रहने का दबाव बनाया। जिससे नाराज चिकित्सक पत्नी ने पुलिस में शिकायत कर दी। मामला परिवार परामर्श केंद्र भेजा गया। तीन बार नोटिस भेजने के बाद भी चिकित्सक पति ने पत्नी से सुलह का मौका गंवा दिया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश किए गए हैं।

पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में पत्नियों की शिकायत दूर करने का मौका गंवाने वाले 35 पतियों पर मुकदमे की तलवार लटक रही है। यहां हर सप्ताह परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर द्वारा पुलिस तक पहुंचे पति-पत्नी के विवादों को काउंसलिंग के माध्यम से सुलह करा उनका घर बसाने का प्रयास किया जाता है। पुलिस पतियों तीन बार मौका देती है कि वह सामने आकर अपना पक्ष रखें। जिससे कि पत्नी को यदि कोई शिकायत है तो पति उसे दूर कर सके। लगातार तीन बार गैर हाजिर रहने वाले पतियों पर फाइल में उनकी अनुपस्थित दर्ज की जाती है। सितंबर से नवंबर के दौरान 35 पतियों के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति कर चुकी है।

एडीजी के निर्देश पर बनाई गई थी नई व्यवस्था

एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने करीब तीन महीने पहले परिवार परामर्श केंद्र का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने पाया कि कई पति लगातार नोटिस भेजने के बावजूद काउंसलिंग को नहीं आते। जिससे महीनों उनकी फाइल लंबित रहती है। पीड़िता लगातार चक्कर काटती रहती है। जिस पर एडीजी ने लगातार तीन नोटिस भेजने के बाद भी बिना किसी उचित कारण के गैर हाजिर रहने वाले पतियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।

गैर हाजिर रहने वाले पतियों की आदत में आया बदलाव

परिवार परामश केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया कि नोटिस भेजने के बाद भी तीन बार गैर हाजिर रहने वाले पतियों के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई से बदलाव आया है। पत्नियों की शिकायत को गंभीरता से लेकर परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के लिए अधिकांश पति अब समय पर पहुंच रहे हैं। जिससे कि समय रहते पत्नी के साथ सुलह करके साथ ले जा सके। पत्नी की नाराजगी को मुकदमे में बदलने से रोका जा सके।

शादी के दो महीने से एक साल के दौरान के ज्यादा विवाद

काउंसलर डाक्टर अमित गौर के अनुसार परिवार परामर्श केंद्र में आने वाले अधिकांश विवाद नवदंपतियों के हैं। जिनकी शादी को दो महीने से एक साल ही हुए हैं।

विवाद के चार प्रमुख कारण

- विवाहिता द्वारा ससुराल वालों से सामंजस्य न बैठा पाना।

- पति या पत्नी किसी एक द्वारा साथी को समय देने की जगह मोबाइल में व्यस्तता।

- पति या पत्नी के विवाद पूर्व प्रेम संबंध।

- पति या पत्नी में स्वास्थ्य संंबंधी समस्याएं।

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