दानघाटी मंदिर की भेंट नीलामी का ठेका अटका, जानिए क्‍या है पूरा मामला

मुख्यमंत्री के आदेश पर हो चुकी है रिपोर्ट। न्यायालय ने भी दिए थे रिपोर्ट के आदेश।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 27 May 2019 10:58 AM (IST) Updated:Mon, 27 May 2019 10:58 AM (IST)
दानघाटी मंदिर की भेंट नीलामी का ठेका अटका, जानिए क्‍या है पूरा मामला
दानघाटी मंदिर की भेंट नीलामी का ठेका अटका, जानिए क्‍या है पूरा मामला

आगरा, जेएनएन। गोवर्धन के प्रमुख दानघाटी गिरिराजजी महाराज की भेंट राशि में की गई वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के कारण अभी नीलामी का ठेका नहीं उठ पा रहा है। वित्तिय अनियमितता में सहायक प्रबंधक फंस गए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर पहले ही प्रबंधक के खिलाफ रिपोर्ट हो चुकी है, जबकि न्यायालय ने भी पहले मुकदमा के आदेश कर दिए थे।

गोवर्धन का दानघाटी मंदिर की भेंट राशि का प्रतिमाह ठेका उठता है, जोकि पिछले महीने 1 करोड़ 3 हजार में उठा था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंदिर के पर्यवेक्षक है। सहायक प्रबंधक डालचंद चौधरी सहायक प्रबंधक पद पर कार्यरत हैं। ठेका राशि मंदिर के बैंक खाते में जमा होती है। गिर्राज सेवा समिति के मंत्री रमाकांत कौशिक ने डालचंद चौधरी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ठेका के करोड़ों रूपये मंदिर के खाते में जमा नहीं किए। उस धनराशि का प्रयोग निजी कार्यों में किया गया। इस मामले की शिकायत अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मानवाधिकार आयोग, जिलाधिकारी और एसएसपी से की गई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सहायक प्रबंधक को वित्तीय अनियमितता में दोषी मानते हुए रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश भी दिए थे। प्रशासनिक शिकायत पर थाना प्रभारी ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया। मुकदमा से मंदिर की भेंट ठेका की प्रक्रिया अटक गई है। प्रत्येक माह की एक तारीख से शुरू होने वाला ठेका से करीब एक सप्ताह पूर्व ठेका नीलामी होती है। सहायक प्रबंधक के आरोपित होने के कारण ठेका की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। समिति के मंत्री ने बताया कि न्यायालय पर्यवेक्षक की भूमिका में है। इसलिए सोमवार को न्यायालय को इस मामले से अवगत कराया जाएगा। न्यायालय के आदेश के अनुसार कोई कार्रवाई होगी। 

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