आगरा में नौ ग्राम पंचायतों में वित्तीय गड़बड़ी, जांच भी नहीं हुई अब तक पूरी
आगरा में 15 दिन में करनी थी 2.97 करोड़ के भुगतान में फंसे नौ ग्राम पंचायतों के प्रशासकों की जांच। जबकि अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आठ जुलाई को जारी किया था जांच कराने का आदेश। स्थानीय स्तर पर इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ग्राम पंचायतों के गठन से पहले 25 लाख रुपये से अधिक भुगतान के मामले में फंसे नौ ग्राम पंचायतों के प्रशासकों की अब तक जांच नहीं हो सकी है। जबकि अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आठ जुलाई को जारी अपने आदेश पत्र में 15 दिन में इस मामले की जांच पूरी करने को कहा था। स्थानीय स्तर पर इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है।
इन प्रशासकों ने पांच महीने में ग्राम पंचायत के मद से विभिन्न कार्यों का 2.97 करोड़ का भुगतान किया है। मामला शासन तक पहुंचा तो खलबली मच गई थी। एक जनवरी से 31 मई के बीच सबसे अधिक भुगतान अकोला ब्लाक की धनौली ग्राम पंचायत में किया गया। बीते 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद नई ग्राम पंचायत गठित होने तक सहायक विकास अधिकारियों को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया था। जिससे कि ग्राम पंचायतों में विकास कार्य न थमें।सभी प्रशासकों को वित्तीय अधिकार भी दिए गए थे। पूर्व में स्वीकृत विकास कार्यों का वह भुगतान कर सकते थे। इसी के तहत सात ब्लाकों की नौ ग्राम पंचायतों के प्रशासकों ने 2.97 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया।
इन भुगतानों की हो रही जांच
ग्राम पंचायत भुगतान
धनौली, अकोला ब्लाक 69,59,127 रुपये
हिरनेर नवादाखेड़ा, शमसाबाद ब्लाक 35,80,500 रुपये
जैतपुर कलां 32,84,275 रुपये
मिढ़ाकुर, बिचपुरी ब्लाक 28,02,284 रुपये
दूरा, फतेहपुर सीकरी ब्लाक 27,79,442 रुपये
मनकेड़ा, अकोला ब्लाक 26,84,112 रुपये
जलालपुर, जगनेर ब्लाक 25,52,579 रुपये
गढ़वर, जैतपुर कलां ब्लाक 25,44,690 रुपये
बीसलपुर, खेरागढ़ ब्लाक 25,42,893 रुपये