Holi in Braj: हुरंगा में चलेगा जरी का जादू, हुरियारों के फटेंगे कपड़े Agra News

11 कुंतल फूल 20 कुंतल गुलाल से होगी होली। 14 कुंतल टेसू के फूल भी मंगाए गए।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 06:09 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:09 PM (IST)
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Holi in Braj: हुरंगा में चलेगा जरी का जादू, हुरियारों के फटेंगे कपड़े Agra News

आगरा, जेएनएन। जग होरी, बलदाऊ अंगना होरा। आस्था और श्रद्धा के रंगों से सराबोर होली के रंग बलदेव में अलग ही नजर आते हैं। ठाकुर बलदाऊ और रेवती मैया के आंगन में हुरंगा का अंदाज ही अलग होता है। हाथरस से तैयार जरी के परिधान और श्रृंगार में दाऊ जी होली खेलेंगे। इसके लिए न केवल फूल और गुलाल मंगाए गए हैं बल्कि टेसू के फूलों से भी रंग तैयार होगा।

ब्रज में होली की मस्ती बलदेव के हुरंग के चर्चा के बिना अधूरी है। दाऊ जी के आंगन में 11 मार्च को होने वाले हुरंगा की तैयारी अभी से शुरू हो गई हैं। दाऊ जी हाथरस में तैयार जरी के परिधान पहन होली खेलेंगे और जरी से ही श्रृंगार होगा। गोस्वामी समाज की करीब पांच हजार महिला-पुरुष हुरंगा में शामिल होंगे। मंदिर परिसर में बनी हौदी में रंग तैयार होगा और मंदिर के ऊपर से मशीनों से गुलाल और रंग फेंका जाएगा। होली के लिए हाथरस से ही 11 कुंतल फूल, 20 कुंतल गुलाल और 14 कुंतल टेसू के फूल मंगा लिए गए हैं।

फाड़कर कपड़े बरसाएंगी कोड़े

बलदेव की हुरियारिन हुरियारों के कपड़े फाडऩे के साथ ही उनका कोड़ा बनाकर उससे हुरियारों को पीटेंगी। दाऊ जी मंदिर के रिसीवर आरके पांडेय कहते हैं कि ये परंपरा सदियों से चल रही है। कपड़ा फाडऩे के पीछे माना जाता है कि अब तक मनुष्य द्वारा जो भी अच्छे और बुरे कर्म किए गए उन्हें कपड़े के रूप में उतार लिया जाता है, फिर उसी से उनकी पिटाई की जाती है। खास बात ये है कि पिटाई के बाद भी खरोंच तक नहीं आती। मान्यता है कि इस हुरंगा में हुरियारों के भेष में खुद दाऊ जी और भगवान श्रीकृष्ण शामिल होते हैं। ये अपने आराध्य के प्रति आस्था और श्रद्धा ही है कि हर वर्ष यहां हुरियारे और हुरियारिनों की भीड़ बढ़ती है। विश्व प्रसिद्ध हुरंगा देखने के लिए भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।  

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