DEI: डीईआइ ने कोरोना की आपदा को अवसर में बदला, ओपन डे पर लगाई गई प्रदर्शनी
DEI कोरोना संक्रमण के दौरान पांच एकड़ रेतीली जमीन पर सब्जी का किया उत्पादन ग्रीन हाउस और जैव विविधता पार्क किया विकसित। ओपन डे पर लगाई गई प्रदर्शनी। डीईआइ के संस्थापक डा एमबी लाल की जयंती पर आयोजित ओपन डे में 40 प्रदर्शनी लगाई गईं।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना की आपदा को दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीईआइ) ने अवसर में बदल दिया। संस्थान में पढ़ाई बंद नहीं हुई। छात्रों को रोजगार दिया, रेतीली जमीन पर सब्जी का उत्पादन किया। रविवार को डीईआइ के ओपन डे पर संस्थान की उपलब्धियों की प्रदर्शनी लगाई गई। डीईआइ के निदेशक प्रो पीके कालरा ने बताया कि कोरोना संक्रमण ने लोगों को घर में कैद कर दिया। इस आपदा को संस्थान ने अवसर में बदला। एग्रीकल्चर टेक्नोलाजी का इस्तेमाल कर जैव विविधता पार्क विकसित किया, यहां अब 9 हजार पौधे हैं। पार्क के बगल में पांच एकड़ रेतीली जमीन पर सब्जी का उत्पादन किया। इसमें संस्थान के शिक्षक और छात्रों ने सहयोग किया। मजदूर नहीं लगाए गए। इससे संस्थान के आस पास के क्षेत्र में भी लाकडाउन में सब्जी की कमी नहीं हुई। ग्रीन हाउस विकसित किया गया। इसमें ब्रोकली, स्ट्राबेरी की खेती की गई है।
डीईआइ के संस्थापक डा एमबी लाल की जयंती पर आयोजित ओपन डे में फूड प्रोडक्ट, सोलर एंड इलेक्ट्रिक कार, लेदर प्रोडक्ट्स सहित 40 प्रदर्शनी लगाई गईं। पिछले साल से प्रदर्शनी की संख्या कम रही। मास्क और कैप ना पहनने पर प्रवेश नहीं दिया गया। डीईआइ के शिक्षा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो पीएस सत्संगी (गुरु महाराज) की उपस्थित में समारोह हुआ। मीडिया प्रभारी एसके नैयर, प्रो जेके वर्मा आदि मौजूद रहे। ये काम किए लर्न बिद अर्न स्कीम के तहत छात्रों को 20 दिन में संस्थान में 40 घंटे काम करने पर दो हजार रुपये दिए। जिससे वे फीस का खर्चा खुद उठा सकें, 100 छात्रों को यह लाभ मिला। कोर्स पूरा कर चुके छात्रों को नौकरी ना मिलने पर पांच हजार रुपये स्टाइपंड दिया गया। कोरोना संक्रमण के दौरान एक दिन भी पढ़ाई बंद नहीं हुई। संस्थान के पार्कों में खुले आसमान के नीचे सुबह 6 से 10 बजे, 10 से दोपहर 12 बजे और दोपहर दो से शाम पांच बजे तक कक्षाएं संचालित की। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया रोबोट इंजीनियरिंग के छात्र तुषार गुप्ता ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए बनाए गए रोबोट के माडल का प्रदर्शन किया । रसोई गैस लीक होने पर आ जाएगा मैसेज इंजीनियरिंग के थर्ड ईयर के छात्र उत्कर्ष कुमार श्रीवास्तव ने रसोई गैस के लीक होने पर तुरंत पता चल जाए। इसके लिए एक सिस्टम बनाया है। इससे गैस लीक होने पर दो मोबाइल नंबर पर मैसेज पहुंच जाएगा। पूर्व छात्रों ने शुरू किया स्टार्टअप संस्थान से 2017 में डिप्लोमा कर चुके स्वामी सरन और एमबीए कर चुके उमंग गुप्ता ने कोरोना संक्रमण के दौरान स्टार्ट अप शुरू किया है। वे संस्थान द्वारा तैयार किए गए कपड़ों की ई कामर्स साइट के माध्यम से बिक्री कर रहे हैं।