विवि को नहीं पता, कितने छात्रों का हुआ परिणाम घोषित

आगरा(जारगण संवाददाता): आंबेडकर विवि द्वारा 15 जून तक परीक्षा परिणाम घोषित करने का दावा किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Jun 2018 04:35 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jun 2018 04:35 PM (IST)
विवि को नहीं पता, कितने छात्रों का हुआ परिणाम घोषित
विवि को नहीं पता, कितने छात्रों का हुआ परिणाम घोषित

आगरा(जारगण संवाददाता): आंबेडकर विवि द्वारा 15 जून तक परीक्षा परिणाम घोषित करने का दावा किया गया था। अपने दावे को पूरा करने के लिए विवि द्वारा एक के बाद एक कई पाठ्यक्रमों के वेबसाइट पर परिणाम जारी कर दिए हैं, लेकिन इसमें कितने छात्रों का परिणाम जारी हुए यह कोई नहीं बता पा रहा।

आंबेडकर विवि की मुख्य परीक्षा में करीब साढे़ छह लाख छात्र शामिल हुए थे। विवि ने सभी छात्रों का परिणाम 15 जून तक जारी करने की बात कही थी। इसको लेकर छात्र उत्साहित थे। मगर, विवि द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित करने के बाद छात्र परेशान हैं। बीएससी थर्ड ईयर में 93 हजार में से केवल पांच हजार छात्रों का परिणाम जारी किया गया। इसके बाद बीएससी प्रथम और द्वितीय वर्ष का परिणाम भी 30 मई तक जारी कर दिया गया, लेकिन इसमें कितने छात्र उत्तीर्ण हुए इसकी जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि पहले हर परिणाम घोषित होने पर विवि की ओर से पूरी डिटेल दी जाती थी।

प्रैक्टिकल के नंबर से पहले ही जारी किए रिजल्ट

विवि ने अधूरा रिजल्ट घोषित न हो इसके लिए सभी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज से 10 जून तक प्रायोगिक परीक्षा के नंबर मांगे थे। मगर कई पाठ्यक्रम में नंबर मांगने से पहले ही परिणाम घोषित कर दिया गया। इतना ही नहीं नंबर मिलने के बाद कोई परीक्षाफल अपडेट भी नहीं किया गया है।

कोई बोलने को तैयार नहीं

विवि द्वारा कितने कॉलेज और छात्रों का परिणाम घोषित किया गया है, इसकी जानकारी देने को कोई तैयार नहीं है। विवि के पीआरओ डॉ. गिरिजाशंकर शर्मा का कहना है कि इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

कॉलेजों को भी नहीं पता

कॉलेजों को अपने छात्रों के पास और फेल होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। विवि की ओर से उन्हें इस संबंध में कोई सूचना नहीं भेजी जाती है। ऐसे में केवल छात्र ही अपना रोल नंबर डालकर रिजल्ट देख सकता है।

यानी सब कॉलेजों ने दे दिए नंबर

विवि ने प्रायोगिक परीक्षा के नंबर न देने वाले कॉलेजों पर 11 जून के बाद जुर्माना लगाने की बात कही थी। सभी कॉलेजों से निश्चित अवधि तक नंबर मांगे गए थे। समय सीमा समाप्त होने के बाद कितने कॉलेजों ने नंबर उपलब्ध कराए और उन पर क्या जुर्माना लगा, इसकी जानकारी भी नहीं मिल सकी।

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