अब ताजमहल पर जल संरक्षण, लगेगा पेयजल फाउंटेन, प्यास बुझाने के साथ बचाएगा पानी भी Agra News

28.67 लाख रुपये से लगाए जाएंगे दो दर्जन पेयजल फाउंटेन। देश का पहला पहला सार्वजनिक स्थल जहां लगे हैैं पीने के पानी के लिए फाउंटेन।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 09 Sep 2019 04:10 PM (IST) Updated:Mon, 09 Sep 2019 11:01 PM (IST)
अब ताजमहल पर जल संरक्षण, लगेगा पेयजल फाउंटेन, प्यास बुझाने के साथ बचाएगा पानी भी Agra News
अब ताजमहल पर जल संरक्षण, लगेगा पेयजल फाउंटेन, प्यास बुझाने के साथ बचाएगा पानी भी Agra News

आगरा, निर्लोष कुमार। ताजमहल परिसर में पानी पीने की जगहों (पेयजल केंद्र) पर लगी सभी टोटियों को ड्रिंकिंग वाटर यानी पेजयल फाउंटेन में बदला जाएगा। इस काम पर 28.37 लाख रुपये खर्च होंगे और करीब 50 फीसद पानी की बचत होगी। स्मारक में दो-दो हजार लीटर की क्षमता के दो और एक-एक हजार लीटर के दो वाटर प्लांट हैं। एक हजार लीटर क्षमता वाले प्लांट पर जून में मेहमानखाने के पास आठ पेयजल केंद्रों को पेयजल फाउंटेन से बदला गया था। इससे पानी के खर्च में करीब 50 फीसद का अंतर आ गया। पानी की बचत से उत्साहित एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) अब स्मारक 24 पेयजल केंद्रों पर टोटियों की जगह वाटर फाउंटेन लगाएगा। इन फाउंटेन में पानी के प्रेशर को समान रखने के लिए प्रेशर पंप भी लगेंगे। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि फाउंटेन से एक निश्चित मात्रा में ही पानी निकलेगा, जिससे उसकी बर्बादी नहीं होगी। इससे पर्यटकों को विश्व स्तरीय अनुभव तो होगा ही, पानी का भी संरक्षण होगा। टोटी से पानी पीने पर अधिक पानी की बर्बादी होती है। बता दें जून में ताजमहल देश का पहला सार्वजनिक स्थल बना था, जहां ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन लगाए गए थे।

विदेशियों को मिलती है बोतल
स्मारक देखने आने वाले विदेशी पर्यटकों को 500 मिली पानी की बोतल टिकट के साथ दी जाती है। वे वाटर प्वॉइंट का इस्तेमाल नहीं करते।

कुएं में जाता है वेस्ट वाटर
ताजमहल में जल के संरक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। वेस्ट वाटर को पाइप के जरिए दक्षिणी गेट के नजदीक बने कुएं द्वारा रिचार्ज किया जा रहा है। एएसआइ के इस प्रयास की केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी सराहना कर चुके हैं। 

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