December Vrat 2022: दिसंबर माह में पड़ने वाले हैं ये प्रमुख व्रत, नोट करें तिथि सहित पूजन विधि और महत्व

December Vrat 2022 दिसंबर माह में सबसे पहला प्रमुख व्रत चार दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का है। इसके बाद पांच दिसंबर को प्रदोष व्रत आठ को मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत होगा। ज्योतिषाचार्य डा शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार 19 दिसंबर को वर्ष 2022 की आखिरी एकादशी होगी।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 30 Nov 2022 01:44 PM (IST) Updated:Wed, 30 Nov 2022 01:44 PM (IST)
December Vrat 2022: दिसंबर माह में पड़ने वाले हैं ये प्रमुख व्रत, नोट करें तिथि सहित पूजन विधि और महत्व
मोक्षदा एकादशी, सोम प्रदोष व्रत, सफला एकादशी जैसे व्रत हैं दिसंबर माह में।

आगरा, जागरण संवाददाता। नवंबर की गुनगुनी सर्दी के बाद कल से सर्द दिसंबर की शुरुआत होने जा रही है। दिसबंर माह की आठ तारीख को मार्गशीर्ष माह का समापन पूर्णिमा के साथ होगा। नौ दिसंबर से पौष माह आरंभ हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार दिसबंर माह में वर्ष 2022 के कई व्रत अंतिम होंगे। जिसमें पहले व्रत का आरंभ चार दिसंबर को मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती के रूप में होगा। इसके अगले ही दिन सोम प्रदोष व्रत है। मार्गशीर्ष माह का अंतिम व्रत आठ दिसंबर को होगा। इस दिन पूर्णिमा का व्रत है। नौ दिसंबर को पौष माह आरंभ होगा। 11 दिसंबर को संकष्टी चतुर्थी और 19 दिसंबर को सफला एकादशी का व्रत पड़ रहा है।

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मोक्षदा एकादशी का महत्व

मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन मौन व्रत रखने की भी परंपरा है। इसलिए इसे मौनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी चार दिसंबर को है।

प्रदोष व्रत

हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत पड़ता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा करने से सभी मनोकानाएं पूरी होने की मान्यता है। इस बार प्रदोष व्रत सोमवार को होने के कारण सोम प्रदोष व्रत के रूप में रखा जाएगा। पांच दिसंबर को ये शुभ तिथि है।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 8 दिसंबर को पड़ रही है। इस दिन पितरों का तर्पण करने का विधान है। इस भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पितरों का श्राद्ध- तर्पण और दान करने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है।

सफला एकादशी

मान्यता के अनुसार सफला एकादशी का व्रत रखने से सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। सभी एकादशी में इस एकादशी व्रत का अधिक महत्व और मान्यता है। सफला एकादशी व्रत इस बार 19 दिसंबर को है।  

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