वल्‍लभकुल संप्रदाय ने पूर्ण किया ये अनोखा मनोरथ, जानिये क्‍यों मंत्रों से गूंज उठे यमुना के घाट

द्वारिकाधीश मंदिर से राजाघाट तक गाजे बाजे के संग निकाली शोभायात्रा। अनुयाई महिलाओं ने होली के रसियों पर भक्ति से सरोबार हो किया नृत्य।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 05:43 PM (IST) Updated:Fri, 15 Feb 2019 05:43 PM (IST)
वल्‍लभकुल संप्रदाय ने पूर्ण किया ये अनोखा मनोरथ, जानिये क्‍यों मंत्रों से गूंज उठे यमुना के घाट
वल्‍लभकुल संप्रदाय ने पूर्ण किया ये अनोखा मनोरथ, जानिये क्‍यों मंत्रों से गूंज उठे यमुना के घाट

आगरा, जेएनएन। ठाकुर द्वारिकाधीश की आरती उतार कर मंदिर के गोस्वामी सेवारत कांकरोली युवराज डॉ. वागीश कुमार महाराज गाजे बाजे के साथ यमुना पूजन के लिए निकले। गुजरात के वल्लभकुल संप्रदाय के सैकड़ों महिला-पुरुष अनुयाई उनके साथ थे। अनुयाई ध्वजा पतका लिए हुए थे। गेंदा गुलाब की पंखुडिय़ा की वर्षा से सड़क पट गई। द्वारिकाधीश, यमुना मैया और वल्लभाचार्य की भक्ति से सराबाेर महिलाएं होली के रसियों पर झूम रही थीं। डॉ. वागीश महाराज राजकुमार गोस्वामी वेदांत कुमार और महाराज सिद्धांत कुमार ने अनुयाईयों के साथ मिलकर यमुना मैया का पूजन किया और कुनवारा (छप्पन भोग का छोटा रूप) का आयोजन किया गया। 

मथुरा में राजाघाट आज खूबसूरत लग रहा था। पूजन- अर्चन और कुनवारा संपन्न होने के बाद यमुना मैया को भी चुंदरी ओढ़ाई। यमुना में उठ रही हिलोरों की तरह हर दिल में आस्था उमड़ रही थी। दूसरे घाटों पर भी तीर्थ पुरोहित यमुना घाटों पर पूजन कर रहे थे। वेद मंत्रों से गूंज रहे घाट पर भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी बुंदियादार चुंदरी ओढ़े हुए थे। नावों की लंबी कतार का नयनभिराम दृश्‍य देखकर हर कोई यमुना की जय जय कर रहा था। मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि इसके बाद महाराजश्री ब्रज दर्शन करने के लिए निकल गए। ब्रज के 12 वन, 24 उपवन और महाप्रभुजी की बैठकों पर जाकर दर्शन करेंगे। मंदिर के मुखिया बृजेश कुमार, श्रीधर चतुर्वेदी, बनवारी लाल, राजीव चतुर्वेदी, बृजेश चतुर्वेदी, सुंदर चतुर्वेदी, बीएन चतुर्वेदी, कमला शंकर शर्मा मौजूद थे।

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