यहां तो बसपा ने मजबूत कर लिया अपना किला, जानिये कैसे
मथुरा में हर बूथ पर 23 पदाधिकारी, सेक्टर में 18 पदाधिकारियों की टीम गठित। तहसील, जिला कमेटी गठित, जिला संयोजकों की भारी-भरकम टीम भी।
आगरा, जेएनएन। महागठबंधन में मथुरा लोकसभा की सीट भले ही किसी के खाते में जाए पर गठबंधन से पार्टी के नेता उत्साहित हैं। उन्हें भी लगने लगा है कि इससे लंबे समय से जिले में सुप्तप्राय: पड़ी पार्टी में नई जान पड़ जाएगी। पार्टी ने बूथ और सेक्टर की इकाइयों को इतना मजबूत कर लिया है कि चुनाव के वक्त वह अन्य राजनीतिक दलों की हवाइयां उड़ा सकता है।
मथुरा लोकसभा सीट पर यूं तो बसपा का प्रत्याशी कभी जीत दर्ज नहीं कर पाया। अलबत्ता पार्टी प्रत्याशी को मिले वोटों ने अन्य राजनीतिक दलों को जरूर हलकान कर दिया। पार्टी नेताओं का मानना है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के परंपरागत वोट बैंक के साथ सपा का पिछड़ा वोट बैंक भी जुड़ जाएगा तो गठबंधन कान्हा की नगरी में कामयाब हो सकता है।
अन्य राजनीतिक दलों का नारा है, एक बूथ, दस या बीस यूथ पर बसपा में एक बूथ पर 23 लोगों की कमेटी गठित है। बूथ कमेटी में अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष के अलावा बीस अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं। इसी तरह से दस बूथों को मिलाकर सेक्टर कमेटी का गठन किया गया है। इसमें भी अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष सहित 13 पदाधिकारी और पांच अन्य सहित 18 लोगों की कमेटी बनाई गई है। विधानसभा और जिला की टीम भी गठित है। आठ से ज्यादा जिला संयोजक बनाए गए हैं, जिन्हें एक-एक विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है।
आम जनता को कराया जा रहा पार्टी की नीतियों से अवगत
बहुजन समाज पार्टी ने बूथ से लेकर जिला स्तरीय कमेटी का गठन कर लिया है। कार्यकर्ता आम जनता को बहन मायावती के कार्यालय में हुए विकास कार्यों सहित पार्टी की रीति- नीतियों से अवगत करा रहे हैं।
- सुरेश बाबू, जिलाध्यक्ष, बसपा
आगरा में बसपा की आंतरिक कलह आई सामने
बसपा के आगरा जिलाध्यक्ष बदलने के बाद बुलाई गई बैठक में शनिवार को पदाधिकारियों के पुतले फूंके गए। मंडलीय कार्यालय, कालिंदी विहार के बाहर मुख्य जोन इंचार्ज सुनील चित्तौड़ और आगरा सुरक्षित सीट के प्रभारी मनोज सोनी (संभावित प्रत्याशी) के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। इस दौरान बसपा कार्यकर्ता और विरोध कर रहे लोगों में मारपीट हो गई। काफी देर तक हंगामा चलता रहा।
बसपा जिलाध्यक्ष डॉ. भारतेंद्र अरुण को शनिवार को हटा दिया गया था। उनकी जगह रविंद्र पारस वाल्मीकी को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। ऐसे में बसपा के मंडलीय कार्यालय 100 फुटा रोड पर आपात बैठक बुलाई गई थी। इसकी जानकारी मिलने पर कुछ लोग सुनील चित्तौड़ और मनोज सेनी मुर्दाबाद लिखे हुए पुतले लेकर पहुंच गए। उन्होंने बाहरी प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने और जिलाध्यक्ष बदले जाने का विरोध करते हुए नारेबाजी की। इसके बाद पुतले फूंकने लगे। यह देख बसपा कार्यकर्ता कार्यालय से बाहर आ गए। उन्हें रोकने पर मारपीट हो गई।