जरा- सी भी आए बदबू तो हो जाएं सर्तक, जिला पूर्ति विभाग ने जारी किए ये निर्देश

विभाग ने घरेलू गैस चेक करने के लिए जारी की गाइडलाइन। गैस एजेंसियों को दिए निर्देश क्लेम पाने को जरूरी है चेकिंग।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 10 Jun 2019 11:55 AM (IST) Updated:Mon, 10 Jun 2019 11:55 AM (IST)
जरा- सी भी आए बदबू तो हो जाएं सर्तक, जिला पूर्ति विभाग ने जारी किए ये निर्देश
जरा- सी भी आए बदबू तो हो जाएं सर्तक, जिला पूर्ति विभाग ने जारी किए ये निर्देश

आगरा, जेएनएन। घरेलू गैस से होने वाले हादसों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसका कारण घर में प्रयोग होने वाले गैस उपकरणों में आई कमी पर ध्यान न देना है। इसके चलते अब मैनपुरी जिला पूर्ति विभाग ने एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैैं कि वे सर्विस मैन को उपभोक्ताओं के यहां भेजकर उनके उपकरणों की जांच कराएं। कारण, अब हादसा होने पर क्लेम तभी मिलेगा जब कनेक्शन धारकों के उपकरण दुरुस्त होंगे।

कई बार गैस सिलिंडर में आग लगने से हादसे हो जाते हैं। आमतौर पर रेगुलेटर, गैस पाइप आदि में कमी के कारण हादसे हो जाते हैैं। हादसों के बाद उपभोक्ता क्लेम करते हैं। नियमानुसार, उपकरण सही नहीं होने पर उपभोक्ता क्लेम के हकदार नहीं होते।

मैनपुरी शहर में तमाम हादसे हो चुके हैैं। पीडि़त क्लेम के लिए भटकते रहे। किशनी के पृथ्वीपुर में हुए हादसे का क्लेम अभी तक नहीं मिला है। शहर के मुहल्ला नगरिया निवासी रामा यादव को भी क्लेम नहीं मिला है। नियमानुसार, यदि किसी के उपकरण सही नहीं हैं, तो पनी को उनका कनेक्शन ब्लॉक करने का भी हक है।

निर्धारित शुल्क

सिंगल बर्नर चूल्हे पर 118 रुपये

डबल बर्नर चूल्हे पर 177 रुपये

थ्री बर्नर चूल्हे पर 236 रुपये

फोर बर्नर चूल्हे पर 295 रुपये

1.2 मीटर गैस पाइप 170 रुपये

1.5 मीटर गैस पाइप 190 रुपये

यहां हुईं थीं सिलिंडर फटने से चार मौतें

बीती 28 अप्रैल को किशनी के गांव फरैंजी के केशराम शंखवार के घर में खाना बनाते समय सिलिंडर में लीकेज होने से आग लग गई। आग की चपेट में आने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी। वहीं पांच मई को किशनी के गांव पृथ्वीपुर के अभयराम के घर में सिलिंडर फटने से आग लग गई। घर का सारा सामान जल गया था। आग को बुझाने में अभयराम भी झुलस गए थे। यहां रेगुलेटर लीकेज होने के कारण आग लगी थी।

दो वर्ष में एक बार होती जांच करना आवश्यक

नियम यह है कि गैस कंपनी दो वर्ष में एक बार अपने उपभोक्ता के घर टीम भेजकर कनेक्शन की जांच कराए। इसके लिए विजिट फीस उपभोक्ता को ही देनी पड़ती है। कर्मचारी सिलिंडर, रेगुलेटर और उसकी फिटिंग की जांच करता है। 

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