हड़ताल पर गए बैंक कर्मचारी, हो सकती है अब कैश की किल्लत Agra News
बैंककर्मियों ने मांगों के समर्थन में संजय प्लेस में किया प्रदर्शन। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर हो रही हड़ताल।
आगरा, जागरण संवाददाता। विभिन्न मांगों को लेकर बैंक अधिकारी और कर्मचारी शुक्रवार से दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। दो फरवरी को रविवार होने के कारण लगातार तीन दिन बैंकों में काम नहीं होगा। इसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हड़ताल के पहले दिन बैंककर्मियों ने शुक्रवार को अपनी मांगों के समर्थन में संजय प्लेस में प्रदर्शन किया। वहीं आज शाम से कैश की किल्लत हो सकती है। माना जा रहा है कि शाम से एटीएम खाली होना शुरू हो जाएंगे।
बैंककर्मियों की नौ यूनियन के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर 31 जनवरी व एक फरवरी को बैंककर्मी हड़ताल पर हैं। बैंक यूनियनों की मांग है कि वेतन में कम से कम 20 फीसद की वृद्धि की जाए। बैंकों में पांच दिन का कार्यदिवस हो। बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो। मूल वेतन के साथ विशेष वेतन घटक का विलय हो। रिटायर होने पर मिलने वाले लाभ को आयकर से बाहर किया जाए। परिवार को मिलने वाली पेंशन में सुधार हो। इन सब मांगों को लेकर बैंक अधिकारी और कर्मचारी दो दिन हड़ताल पर हैं। हड़ताल से सभी बैंकों में कामकाज प्रभावित रहेगा। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
संजय प्लेस में एकत्र होकर प्रदर्शन
हड़ताल के दौरान बैंक कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में संजय प्लेस स्थित केनरा बैंक शाखा के बाहर प्रदर्शन किया। यहां विभिन्न बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी एकत्रित हुए। उन्होंने कहा कि बैंक कर्मियों का वेतन समझौता एक नवंबर 2017 से लंबित हैं। 28 चरणों की बातचीत के बाद भी आइबीए ने कोई निर्णय नहीं लिया है। अन्य मांगें भी लंबित हैं। इसको लेकर ही सभी बैंक कर्मी दो दिन की हड़ताल पर हैं। प्रदर्शन में एचएन चतुर्वेदी, वकील अली, शैलेंद्र झा, अमरदीप कौशिक, प्रेम कुमार, अशोक सारस्वत, अंकित सहगल, श्रवण कुशवाहा, कुलविंदर सिंह, पुनीत कुमार और सौरभ ठाकुर आदि शामिल रहे।
एटीएम खाली होने से गहराएगा संकट
चूंकि इस हड़ताल में सभी सरकारी बैंकों के कर्मचारी शामिल हैं, ऐसे में तीन दिन कोई कामकाज नहींं होगा। लिहाजा एटीएम में कैश भी नहीं भरा जाएगा। शाम से शहर के एटीएम खाली होना शुरू हो जाएंगे। इधर अभी तक प्राइवेट सेक्टर के बैंकों की स्थिति स्पष्ट नहीं है। अभी तक तो वे हड़ताल से अलग हैं। ऐसे में निजी क्षेत्र के बैंकों के एटीएम राहत प्रदान कर सकते हैं।