डायबिटीज से चाहते हैं निजात तो अपनाकर देखें ‘डॉ. एपीजे कलाम थैरेपी’ Agra News

पूर्व राष्ट्रपति के फिजीशियन रहे डॉ. के जोसेफ राजन ने दिए टिप्स। खाने में फास्ट फूड और चावल का इस्तेमाल करें कम। 25 से 30 मिनट निकालें खुद के लिए।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 09 Jan 2020 11:53 AM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 04:49 PM (IST)
डायबिटीज से चाहते हैं निजात तो अपनाकर देखें ‘डॉ. एपीजे कलाम थैरेपी’ Agra News
डायबिटीज से चाहते हैं निजात तो अपनाकर देखें ‘डॉ. एपीजे कलाम थैरेपी’ Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। पूर्व राष्ट्रपति ‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम थैरेपी’ से मधुमेह रोगी ब्लड ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रख सकते हैं। उनकी तरह से सादा और कम खाना है और खूब चलना है। नहीं चल सकते हैं तो सप्ताह में चार दिन 30 सेकेंड दौड़ लगानी है, इसके बाद व्यायाम करें। केएनसीसी, फतेहाबाद रोड पर एपीकॉन में तीसरे दिन मधुमेह, हृदय रोग, गुर्दा रोग, गठिया के मरीजों में गर्भधारण से लेकर वायरस के संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों पर चर्चा की गई।

पूर्व राष्ट्रपति भारत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 30 साल तक फिटनेस फिजीशियन रहे तमिलनाडू के डॉ. के जोसेफ राजन ने मधुमेह रोगियों में ब्लड ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रखने के सफल तरीके बताए। मरीजों पर की गई स्टडी के बाद इन्हें तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि पांच दिन 25 से 30 मिनट निकाल लें। इसे पांच दिनों में बांटकर दौड़ें, तेज चाल या पैदल चलकर देखें। फायदा होने पर समय और बढ़ा दें। कसरत करने का समय है तो एरोबिक्स, स्ट्रेचिंग (खिंचाव) और जिम जा सकते हैं। इससे ब्लड ग्लूकोज का स्तर 160 से कम होकर 130 तक पहुंच सकता है। वहीं, तीन महीने का औसत ब्लड ग्लूकोज का स्तर (एचबीएवन सी) 7.8 से 6.8 पहुंच सकता है।

उन्होंने बताया कि मधुमेह का एक बड़ा कारण फास्ट फूड का सेवन है, दक्षिण भारत में फास्ट फूड का सेवन अधिक हो रहा है। इससे मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति का उदाहरण देते हुए बताया कि वे शुद्ध शाकाहारी थे उन्हें परंपरागत दक्षिण भारतीय खाना पसंद था। वे स्वस्थ्य रहने के लिए योग और ध्यान करते थे, उन्हें संगीत पसंद था। वे सुबह चार बजे उठ जाते थे। राष्ट्रपति बनने के बाद भी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं आया। वैसे कहते थे कि उनके परिवार में 100 साल तक जिंदा रहने के जीन हैं, उनके भाई 103 साल के हैं।

चावल 150 ग्राम, आधा लीटर तेल

चंडीगढ़ के डॉ. केवीएस हरि कुमार ने बताया कि हमारे यहां खाने में चावल ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। यह काबरेहाइड्रेड का रिच सोर्स है। अमूमन लोग 250 ग्राम चावल हर रोज खाते हैं, इसे 150 ग्राम पर ले लाएं। इससे मधुमेह से बच सकते है। वहीं हर महीने आधा लीटर से ज्यादा तेल का इस्तेमाल ना करें, नमक की मात्र दो ग्राम से अधिक न हो।

एपीकॉन का आज होगा समापन

चार दिवसीय एपीकॉन का गुरुवार को समापन होगा। पोस्टर व रिसर्च पेपर के विजेता प्रतिभागियों को सम्मनित किया जाएगा। कांफ्रेंस में आयोजन समिति के सचिव डॉ. पीके माहेश्वरी, डॉ. मृदुल चतुर्वेदी, अध्यक्ष डॉ. टीपी सिंह, संयुक्त सचिव डॉ. मनीष बंसल, डॉ. प्रभात अग्रवाल, डॉ. आशीष गौतम, डॉ. निखिल पुरसनानी, डॉ. अंजना पांडे, डॉ. बीके अग्रवाल, डॉ. जितेन्द्र दौनेरिया आदि मौजूद रहे।

एपीकॉन में सजा मीना बाजार

एपीकॉन में सजे मीना बाजार में डॉक्टर खरीदारी का भी मजा ले रहे हैं। कश्मीर, लुधियाना, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश के स्टॉल लगे हैं।

मधुमेह और टीबी मिलकर हो रही घातक: डॉ. जयंत

डॉ. जयंत पांडा, उड़ीसा ने बताया कि भारत में मधुमेह और टीबी एक दूसरे के खतरे को बढ़ा रहे हैं। इन दोनों बीमारियों में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इससे मधुमेह रोगियों रोगियों में टीबी होने का खतरा 2-3 फीसद और टीबी रोगियों में डायबिटीज होने का खतरा 4-5 फीसद बढ़ जाता है। भारत में ऐसे मरीजों की संख्या 20-30 फीसद है। भारत में मधुमेह के 8 करोड़ और टीबी के 2.5 करोड़ मरीज हैं। मधुमेह के साथ टीबी होने पर मरीज का ब्लड ग्लूकोज का स्तर इंसुलिन से कंट्रोल किया जाता है।

विटामिन डी के लिए कपड़े उतारकर लें धूप: डॉ. एसएल वर्मा

रोहतक के डॉ. एसएल वर्मा ने बताया कि 60 साल की उम्र के बाद पुरुषों और मीनोपॉज के बाद महिलाओं में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हो रही है। पिछले कुछ सालों में विटामिन डी की कमी ज्यादा देखने को मिल रही है, यह सूरज की किरणों से मिलती है। सुबह के समय कपड़े उतारकर धूप में बैठने से विटामिन डी की मात्र अधिक मिलती है।

मधुमेह रोगियों में आंख और गुर्दा हो रहा खराब : डॉ. विश्वबंधु

डॉ. विश्वबंधु जिंदल, चंडीगढ़ ने बताया कि मधुमेह रोगियों में आंख और गुर्दे पर सबसे ज्यादा असर होता है। ब्लड ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित न रहने पर 15 साल में गुर्दा खराब हो रहा है, डायलिसिस कराने वाले गुर्दा मरीजों में मधुमेह रोगियों की संख्या सबसे अधिक है।

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