मुजफ्फरनगर से तोप ले आई एएसआइ, अब होगी केमिकल क्‍लीनिंग Agra News

20 जनवरी को मुजफ्फरनगर में एक खेत की खोदाई में मिली थी प्राचीन तोप। सफाई के बाद ही इसके कालक्रम का हो पाएगा आकलन।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 08:22 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 08:08 AM (IST)
मुजफ्फरनगर से तोप ले आई एएसआइ, अब होगी केमिकल क्‍लीनिंग Agra News
मुजफ्फरनगर से तोप ले आई एएसआइ, अब होगी केमिकल क्‍लीनिंग Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। मुजफ्फरनगर के खेत में तीन दिन पहले खोदाई में मिली तोप को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) गुरुवार को अपने आगरा कार्यालय पर ले आई। यहां पर केमिकल क्लीनिंग कर इसके कालक्रम का आकलन किया जाएगा। 

मुजफ्फरनगर के पुरकाजी हरिनगर गांव में 20 जनवरी को एक खेत में खोदाई की जा रही थी। तभी ये तोप मिली थी। गुरुवार दोपहर को एएसआइ की टीम इस तोप को लेकर आगरा पहुंची। तोप करीब 2.8 मीटर लंबी है। मिट्टी लगी होने से उसके व्यास व वजन का सही आकलन नहीं किया जा सका। हालांकि, तोप की नाल का अंदरुनी व्यास पांच इंच का है।

अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि तोप की केमिकल क्लीनिंग कराई जाएगी। तोप को 18वीं शताब्दी से पहले का माना जा रहा है लेकिन, सही कालक्रम परीक्षण के बाद ही पता चल पाएगा।

ऐसे पता चलेगा कालक्रम

तोप में प्रयुक्त हुए बारूद, निर्माण में इस्तेमाल हुई धातु, प्राप्ति स्थल, तोप का स्ट्रक्चर व डिजाइन के आधार पर कालक्रम तय किया जाएगा। कार्बन डेटिंग भी किसी पुरातन महत्व की वस्तु का कालक्रम तय करने की महत्वपूर्ण विधि है।

टूटी हुई है नाल

तोप की नाल का आगे से कुछ हिस्सा टूटा हुआ है। तोप में दो हुड (कंधा) होते हैं, जिनसे उसे फ्रेम पर फिक्स किया जाता है। इस तोप का एक हुड नजर आ रहा है। मिट्टी की वजह से अभी यह पता नहीं चल पा रहा है कि उसमें दो हुड थे या एक, या फिर एक हुड टूट गया है।

भाकियू ने जताया था विरोध

पुरकाजी में तोप निकलने पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नरेश टिकैत के साथ पहुंचकर तोप को माला पहनाकर सलामी दी थी। भाकियू कार्यकर्ता इस बात पर अड़े थे कि वे तोप को कहीं नहीं ले जाने देंगे। इसके चलते प्रशासन भी सतर्क था। टकराव की आशंका पर वहां पुलिस फोर्स तैनात किया गया था।  

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