ताजनगरी में चांदनी गुनगुनाएगी कोजागरी राग, सुनना न भूलें, होगी अमृत वर्षा
धवल चांदनी में रात अमृत से नहाएगी तो ताजनगरी में चांदनी भी कोजागरी राग गुनगुनाएगी। आसमान से अमृत वर्षा के बीच शहर होगा रागों से झंकृत
आगरा : धवल चांदनी में रात अमृत से नहाएगी तो ताजनगरी में चांदनी भी कोजागरी राग गुनगुनाएगी। आसमान से अमृत वर्षा के बीच रागिनी के रागों से शहर भी झंकृत होगा।
संगीत की ये महफिल सजेगी शरद पूर्णिमा पर। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है। इस रात नींद से दूर जागना चाहिए। महाराष्ट्र में शरद पूर्णिमा पर संगीत के बीच रात भर जागने की परंपरा है। कहीं-कहीं तो रात भर संगीत के बीच मेला लगता है। ताजनगरी में भी शरद पूर्णिमा की रात संगीत की महफिल सजेगी। महाराष्ट्र में कोजागरी (कौन जाग रहा है) नाम से संगीत की महफिल सजती है। अब ताजनगरी में भी चांदनी कोजागरी राग गुनगुनाएगी। संभवत: उत्तर भारत का ये पहला कार्यक्रम है, जिसमें शरद पूर्णिमा पर रात से लेकर भोर की बेला संगीत के सुरों से सजती है। बुधवार को पंडित जीएल गुणे संगीत अकादमी के संयोजन में रात्रिकालीन शास्त्रीय संगीत सभा कोजागरी 130, पश्चिमपुरी सिंकदरा में सजेगी। रात 9.15 बजे से शुरू होने वाली संगीत की महफिल भोर तक चलेगी। ये आएंगे कलाकार
कोजागरी में दिल्ली घराने के जाने-माने सितार वादक उस्ताद सईद जफर खां का सितार वादन होगा, तो बाबा लतीफ खां का तबला सोलो। पंडित एसडी श्रीवास्तव का वॉयलिन वादन होगा तो तापेश गिरी, अजीत सिंह और करिश्मा कश्यप का कत्थक नृत्य। गजेंद्र सिंह के शास्त्रीय गायन के साथ ही भोर की बेला में डॉ. सदानंद ब्रह्मभट्ट का गायन होगा। इसके अलावा पंडित रविंद्र तलेगांवकर हारमोनियम, जयंत पाल तबला, मधुकर चतुर्वेदी पखावज और प्रशांत आदक तथा हरिओम माहौर तबले पर प्रतिभा दिखाएंगे। कार्यक्रम संयोजक सदानंद ब्रह्मभट्ट ने बताया कि इस दौरान प्रमुख हस्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा।