हैंडपंप-कुएं सूखे, पाइप लाइन में नहीं प्रेशर

- शाहदरा में पानी के लिए सुबह से होना पड़ता है परेशान - क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में नहीं पहुंचता पानी जागरण संवाददाता, आगरा: यमुना पार के शाहदरा में रहने वाले करीब दो हजार परिवार को हर सुबह पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। क्षेत्र में लगे हैंडपंप शोपीस बने हैं। कुएं सूख गए हैं। पानी की एक मात्र आस जल संस्थान की पाइप लाइन हैं, लेकिन इसमें भी प्रेशर न होने के कारण पानी रास्ते में अटक जाता है। ऐसे में पूरे क्षेत्र की प्यास बुझाने की जिम्मेदारी केवल एक टैंकर पर है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Apr 2018 11:59 PM (IST) Updated:Wed, 04 Apr 2018 11:59 PM (IST)
हैंडपंप-कुएं सूखे, पाइप लाइन में नहीं प्रेशर
हैंडपंप-कुएं सूखे, पाइप लाइन में नहीं प्रेशर

जागरण संवाददाता, आगरा: यमुना पार के शाहदरा में रहने वाले करीब दो हजार परिवार को हर सुबह पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। क्षेत्र में लगे हैंडपंप शोपीस बने हैं। कुएं सूख गए हैं। पानी की एक मात्र आस जल संस्थान की पाइप लाइन हैं, लेकिन इसमें भी प्रेशर न होने के कारण पानी रास्ते में अटक जाता है। ऐसे में पूरे क्षेत्र की प्यास बुझाने की जिम्मेदारी केवल एक टैंकर पर है।

शाहदरा क्षेत्र में वाटर व‌र्क्स से पानी की सप्लाई होती है। मगर, शाहदरा के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां तक पहुंचते-पहुंचते पानी का प्रेशर दम तोड़ जाता है। शाहदरा टीला तक में तो बूंद-बूंद पानी भी आ जाए तो लोगों के चेहरे पर खुशी आ जाती है। ऐसे में पानी के लिए इन लोगों को वाटर व‌र्क्स के टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता हैं। सुबह आठ बजे से सभी लोग अपने बर्तन लेकर टैंकर के इंतजार में खडे़ हो जाते हैं। टैंकर आते ही पानी के लिए मारामारी मच जाती है। जैसे-जैसे गर्मियां बढ़ेंगी पानी के लिए मारा-मारी तेज होगी।

पानी पर डाल रहे डाका

क्षेत्र में पहले ही पानी की किल्लत है, इसके बाद भी टैंकर के पानी पर दबंगों द्वारा डाका डाला जाता। लोगों ने बताया कि टैंकर एक दबंग के घर पर खड़ा होता है। सबसे पहले वहां पानी भरता है, इसके बाद सुबह से लगे लोगों का नंबर आता है।

साइकिल से लाना पड़ता है पानी

पानी की किल्लत के चलते लोगों को आसपास के क्षेत्रों से पानी लाना पड़ता है। साइकिल पर लोग डिब्बों में भरकर पानी लाते हैं। बच्चे भी पानी के लिए इधर उधर भटकते हैं। वर्जन

क्षेत्र में पानी की समस्या है। टीले पर पानी नहीं पहुंचता है। टैंकर से भी पानी की पूर्ति नहीं हो पाती है।

मोहित पानी का प्रेशर पहले से ही कम आता है। रही सही कसर लोगों के घरों में लगी पानी की मोटर पूरी कर देती हैं। इससे ऊंचे वाले इलाकों में पानी पहुंच ही नहीं पाता।

उमेश

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