एनसीआर से एडीए के खातों से रकम पार कर रहे थे शातिर, बैंककर्मियों की मिलीभगत

आगरा: चेक क्लोनिंग कर खातों से रकम पार करने वाले गिरोह ने एनसीआर में बैठकर एडीए के खा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Oct 2018 08:00 AM (IST) Updated:Sat, 06 Oct 2018 08:00 AM (IST)
एनसीआर से एडीए के खातों से रकम पार कर रहे थे शातिर, बैंककर्मियों की मिलीभगत
एनसीआर से एडीए के खातों से रकम पार कर रहे थे शातिर, बैंककर्मियों की मिलीभगत

आगरा: चेक क्लोनिंग कर खातों से रकम पार करने वाले गिरोह ने एनसीआर में बैठकर एडीए के खातों से नकदी पार की। फरीदाबाद की तीन बैंकों से रुपये निकालने के बाद दिल्ली में आइसीआइसीआइ बैंक से लाखों रुपये निकालने की तैयारी थी। बैंक से एडीए में फोन आने पर मामला खुल गया। पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह एनसीआर में रहकर काम कर रहा है। इसमें कुछ बैंकों के कर्मचारी या अन्य विभाग के लोग जुड़े हैं। साइबर सेल इस मामले की जांच कर रही है।

बैंकों ने नहीं दी जानकारी

बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों ने मामला खुलने के बाद फरीदाबाद की उन बैंकों में संपर्क किया, जिनसे रकम पार हुई थी। मेल भेजकर उनसे चेक की कॉपी और उस खाते की डिटेल मांगी, जिससे रकम निकली थी। मगर, मुकदमा दर्ज न होने तक उन्होंने डिटेल देने से इन्कार कर दिया।

आठ माह पहले निकाले थे 98.70 लाख

संजय प्लेस स्थित एचडीएफसी बैंक में पुष्पांजलि अस्पताल के निदेशक मयंक अग्रवाल के खाते से शातिरों ने जनवरी में 98.70 लाख रुपये निकाले थे। इसमें बैंक कर्मचारियों समेत रुपये पार करने वाले को पुलिस ने जेल भेजा था। शातिरों ने चेक क्लोनिंग कर ही खाते से रकम पार की थी।

ऐसे करते हैं रकम पार : चेक क्लोनिंग गिरोह बैंक कर्मियों की मिलीभगत से रकम पार करता है। पहले खातों में बेलैंस के बारे में जानकारी करते हैं, जिस खाते से रकम निकालनी होती है, उसकी चेक बुक जारी करा लेते हैं। चेक नंबर मिटाकर शातिर उस पर उसी खाते का नंबर डाल देते हैं और हस्ताक्षर भी हूबहू कर देते हैं। उधर, बैंक में प्रार्थना पत्र देकर एसएमएस अलर्ट की सर्विस बंद करा देते हैं। इसके बाद दूसरी बैंक की शाखा में क्लोन चेक जमा कर खाते से रकम अपने खाते में लेते हैं।

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