जमानत पर जेल से बाहर आते ही एक और कत्‍ल, दो साल बाद पर्दाफाश Agra News

सिकंदरा में जऊपुरा के जंगल में मिली थी ओम प्रकाश की लाश। प्लॉट के विवाद में 60 हजार रुपये देकर कराई थी हत्या तीन गिरफ्तार।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 20 Jan 2020 08:17 AM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 08:17 AM (IST)
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जमानत पर जेल से बाहर आते ही एक और कत्‍ल, दो साल बाद पर्दाफाश Agra News

आगरा,जागरण संवाददाता। सिकंदरा क्षेत्र में जऊपुरा के जंगल में दो साल पहले हत्या करके फेंकी लाश का पुलिस ने रविवार को पर्दाफाश कर दिया। हत्या के मामले में निचली अदालत से उम्र कैद की सजा पाए जमानत पर बाहर आए आरोपित ने 60 हजार रुपये में सुपारी लेकर हत्या की थी। हत्याकांड के पीछे प्लाट का विवाद था। सिकंदरा पुलिस ने सुनारी चौराहे से तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस लाइन में रविवार को प्रेसवार्ता में एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सिकंदरा के अरतौनी निवासी ओम प्रकाश की नौ फरवरी 2018 को जऊपुरा के जंगल में हत्या करके फेंकी लाश मिली थी। मामले में मृतक की पुत्री रूप कला देवी निवासी धौलपुर ने मुकदमा दर्ज कराया था। ओम प्रकाश की हत्या करने वाले तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारोपितों के नाम कमल सिंह निवासी गांव इन्नी खेड़ा थाना बिछवां मैनपुरी, शैलेंद्र सिंह निवासी गांव भांडई थाना मलपुरा आगरा और गोविंद पांडेय उर्फ अरविंद पांडेय निवासी थाना राजपुर जिला बक्सर बिहार हैं।

पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि ओम प्रकाश शराब बेचने का काम करता था। उसका एक कीमती प्लॉट था। जिसका इकरारनामा उसने पुष्पेंद्र के नाम कर दिया था। पुष्पेंद्र इस समय एनडीपीएस एक्ट में जेल में निरुद्ध है। ओम प्रकाश उक्त प्लॉट किसी और को बेचने की तैयारी कर रहा था। इसकी भनक पुष्पेंद्र को लगने पर उसने ओम प्रकाश की हत्या की साजिश रची। उसके यहां काम करने वाले कमल सिंह को शामिल कर लिया।

कमल सिंह झोलाछाप हकीम है, पुष्पेंद्र की दुकान किराए पर ले रखी थी। उसने शैलेंद्र, गोविंद पांडेय और दयाराम उर्फ फौजी निवासी को रुपये का लालच देकर शामिल कर लिया। दयाराम सदर क्षेत्र से दुष्कर्म के मामले में जेल जा चुका है। आरोपितों ने साजिश के तहत ओम प्रकाश को फोन करके शराब पीने के बहाने घर से बुलाया। उसे जऊपुरा के जंगल में ले जाकर लाठी-डंडों से पीटकर मार डाला।

एसएसपी ने बबलू कुमार बताया कमल सिंह ने वर्ष 2005 में एत्माद्दौला क्षेत्र में ट्रक चालक की हत्या कर दी थी। निचली अदालत से उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। वह मामले की हाईकोर्ट में अपील के चलते जमानत पर बाहर है। हत्याकांड में फरार दयाराम की तलाश जारी है।

ओम प्रकाश को चोरी के मोबाइल से फोन करके था बुलाया

अपराधी कितना ही चालाक क्यों न हो अपने पीछे कोई सुराग जरूर छोड़ जाता है। जो पुलिस को उस तक पहुंचाने में मदद करता है। ओम प्रकाश की हत्या में आरोपितों ने पुलिस को चकमा देने के लिए चोरी के मोबाइल से फोन किया था। इससे कि पुलिस उन तक नहीं पहुंच सके। यह मोबाइल किसी महिला का था। इसीलिए पुलिस को कातिलों तक पहुंचने में देर लगी। कमल सिंह ने उक्त फोन और सिम को हत्या के बाद नष्ट कर दिया। मगर, ओम प्रकाश से बातचीत के दौरान उसने एक परिचित महिला को भी इसी नंबर से फोन किया था। पुलिस को पहले लगा कि उक्त नंबर जिस महिला का मोबाइल है, उसकी परिचित का होगा। मगर, फिर उसने सभी नंबरों पर जिनसे बातचीत हुई थी, उन्हें एक-एक करके तस्दीक किया तो कमल सिंह का सुराग मिला।

तिहाड़ जेल में रह चुका है गोविंद पांडेय

हत्याकांड में गिरफ्तार गोविंद पांडेय दस साल पहले भी दिल्ली में एक युवक को गोली मारने के मामले में तिहाड़ जेल में निरुद्ध रहा है। मगर, आयु कम होने के चलते वह छूट गया था। आगरा में रहने के दौरान उसकी मुलाकात कमल सिंह और दयाराम से हो गई। 

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