सावधान, कहीं ये जायका कर न दे आपकी सेहत को बीमार, पढ़ें पूरी खबर

त्यौहारों पर तेज हुआ मिलावट का कारोबार। 110 रुपये किलो मिल रहा सरसों का तेल।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sun, 21 Oct 2018 04:50 PM (IST) Updated:Sun, 21 Oct 2018 04:50 PM (IST)
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आगरा [जेएनएन]: एकदम गाढ़ा, पीला रंग, सरसों की खुशबू और तीखा झार। मैनपुरी जिले में बिल्कुल असली की तरह दिखने वाले तेल में मिलावट का खेल बेखौफ चल रहा है। रासायनिक ढंग से बनाए जा रहे नकली सरसों के तेल के कारोबार ने त्यौहार आते ही जोर पकड़ लिया है।

दीवाली का त्यौहार नजदीक आते ही मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। सबसे ज्यादा मिलावट सरसों के तेल में की जा रही है। बाजार में इन दिनों 100 से 110 रुपये प्रति किलो में सरसों का तेल बिक रहा है। मिलावट के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अप्रैल 2016 से जनवरी 2017 तक विभिन्न दुकानों से सरसों के तेल के 15 नमूने लिए। इनमें से नौ नमूने लैब मे पूरी तरह फेल हो गए। उनमें भी छह सेहत के लिए बेहद खतरनाक पाए गए हैं, जबकि तीन मानक के अनुरूप नहीं थे।

ऐसे तैयार होता है नकली तेल

नकली तेल बनाने के लिए मिलावटखोर जले हुए मोबिल ऑयल और खराब पेट्रोलियम पदार्थों को पहले अच्छी तरह से रिफाइन करते हैं, फिर उसे सरसों के तेल में मिलाते हैं। इसके अलावा राइसब्राउन ऑयल का भी नकली सरसों का तेल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। मिलावटखोर इन तेलों में रंग, खुशबू और मिर्च का अर्क भी मिलाते हैं, ताकि लोग असली और नकली सरसों के तेल में कम से कम देखकर भेद न कर पाएं। यह नकली सरसों का तेल बड़ी आसानी से 40 से 50 रुपये की लागत में बनकर तैयार हो जाता है। बिना लैब टेङ्क्षस्टग के इसकी पहचान कर पाना असंभव है। हालांकि खाद्य विभाग के अधिकारी राइसब्राउन को एक प्रकार की खाद्य सामग्री ही मानते हैं। उनकी नजर में राइसब्राउन का उपयोग खाद्य तेल के तौर पर किया जाता है।

अधिक मुनाफे को करते हैं मिलावट

सरसों के तेल में पाम ऑयल की मिलावट की जाती है। यह सेहत के लिए हानिकारक तो नहीं होता है, लेकिन काफी सस्ता होता है। शुद्ध सरसों के तेल की कीमत जहां 110 रुपये से 120 रुपये प्रति लीटर है, वहीं पाम ऑयल 60 से 70 रुपये प्रति लीटर बिकता है। इससे दुकानदारों को प्रति लीटर पचास रुपये तक बचत होती है, लेकिन पाम ऑयल में सरसों के तेल की गंध लाने को कई खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं। ये केमिकल सेहत के लिए बेहद घातक होते हैं।

गुर्दे में आ जाती है सूजन

जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. जेजे राम का कहना है कि केमिकल युक्त सरसों के तेल से सीधा असर गुर्दे पर पड़ता है। इससे गुर्दे में सूजन आ जाती है, काफी दिनों तक मिलावटी तेल इस्तेमाल करने पर गुर्दे खराब भी हो सकते हैं।

होगी कार्रवाई

मिलावट रोकने के लिए खाद्य विभाग द्वारा दुकानों पर छापेमारी कर नमूने भरे जाते हैं। जो नमूने जांच में फेल पाए जाते हैं, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।

डॉ. जतिन कुमार, अभिहित अधिकारी, एफडीए, मैनपुरी।  

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