Locusts Update: राजस्‍थान से आ रही आसमानी आफत से आगरा को राहत, टिड्डी मुड़ीं MP की ओर

Locusts Attack बुधवार सुबह 11 बजे आगरा की सीमा से 15 किमी से बढ़कर टिड्डी दल की दूरी हो गई 25 किमी। शाम तक पास हो जाएगा दल।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 10:07 AM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 11:30 AM (IST)
Locusts Update:  राजस्‍थान से आ रही आसमानी आफत से आगरा को राहत, टिड्डी मुड़ीं MP की ओर
Locusts Update: राजस्‍थान से आ रही आसमानी आफत से आगरा को राहत, टिड्डी मुड़ीं MP की ओर

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी से बड़ा खतरा टला है। पाकिस्‍तान से आया टिड्डी दल राजस्‍थान से आगरा सीमा में प्रवेश करने की बजाय अब मध्‍यप्रदेश की ओर रूख कर गया है। बुधवार सुबह नौ बजे इसकी आगरा से दूरी 15 किलोमीटर थी। सुबह 11:15 बजे खबर आई है कि अब यह बढ़कर 25 किलोमीटर हो गई है। टिड्डयां अब तेजी से मध्‍यप्रदेश की ओर बढ़ रही हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि शाम तक आगरा से खतरे के बादल पूरी तरह छंट जाएंगे। यदि हवा का रुख कुछ बदला तो अब केवल बाह क्षेत्र में इनका हमला होगा। शहर तथा अन्‍य ग्रामीण इलाके सुरक्षित हैं।

राजस्‍थान की राजधानी जयपुर में नुकसान पहुंचाने के बाद टिड्डी दल ने आगरा की सीमा पर डेरा डाल रखा था। हालांकि कृषि विभाग ने पिछले सप्‍ताह ही अलर्ट जारी कर दिया था। लेकिन ये सप्‍ताह राहत भरा रहा, इसकी वजह यह रही कि पूर्व में आए दो टिड्डी दल दिशा बदलकर उन्‍नाव तक पहुंच गए और वहां फसलों में तबाही मचा दी थी। बुधवार सुबह कृषि विभाग की टीम तांतपुर तथा राजस्‍थान सीमा से सटे इलाकों में सक्रिय हो गई थी।

आगरा प्रशासन ने 20 स्प्रे मशीन कीटनाशक के साथ कृषि विभाग की टीम सीमा से सटे गांवों में तैनात किया है। इसके साथ ही किसानों ने भी थाली, डीजे, हाई वॉल्‍यूम साउंड बजाने की तैयारी कर रखी थी।

कृषि विभाग की एडवाइजरी

कृषि विभाग ने मंगलवार को जारी एडवाइजरी में कहा था कि आगरा के बॉर्डर से 30 किलोमीटर की दूरी पर दो टिड्डी दल रुके हैं। हवा का रुख आगरा की तरफ है, बुधवार सुबह आगरा में तातपुर, खैरागढ़ ,फतेहपुर सीकरी किरावली, पिनाहट, जैतपुर कला या बाह के रास्ते प्रवेश कर सकता है टिड्डी दल।

- टिड्डी दल में करोड़ों की संख्या में लगभग दो ढाई इंच लंबे कीट होते हैं, जो फसलों को कुछ ही घंटों में चट कर जाते हैं.

- टिड्डी दल का आकार लगभग 2 x 4 किलोमीटर है।

- यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं।

किसान ऐसे करें टिड्डी दल के आक्रमण से बचाव

- अपने खेतों में आग जलाकर, पटाखे फोड़ कर, थाली-चम्मच बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें।

- टिड्डी दल के पीछे पीछे डीजे या उच्च ध्वनि वाले यंत्र बजाने से भी टिड्डी दल भागता है।

- कीटनाशक रसायनों जैसे क्लोरपीरिफॉस 20 % EC की 2.5 Ml मात्रा प्रति लीटर पानी, lambda-cyhalothrin, 4.9% EC की 1Ml मात्रा प्रति लीटर पानी, डेल्टामथ्रीन 2.8 % EC की 1Ml मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव करें।

- यह टिड्डी दल शाम को 7 से 8 बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाता है और फिर सुबह 8 -9 बजे के करीब उड़ान भरता है अतः इसी अवधि में इनके ऊपर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके इनको, मारा जा सकता है

- यदि आपके क्षेत्र में टिड्डी दल दिखाई देता है तो उपरोक्त उपाय को अपनाते हुए तत्काल अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के कर्मचारी से संपर्क करें।

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