शुभ मुहूर्त को सज गए बाजार, संशय बरकरार

जागरण संवाददाता, आगरा: खेतों में तबाही और गांवों में पसरे मातम ने खरीद के त्योहार पर संशय के बादल गह

By Edited By: Publish:Mon, 20 Apr 2015 09:57 PM (IST) Updated:Mon, 20 Apr 2015 09:57 PM (IST)
शुभ मुहूर्त को सज गए बाजार, संशय बरकरार

जागरण संवाददाता, आगरा: खेतों में तबाही और गांवों में पसरे मातम ने खरीद के त्योहार पर संशय के बादल गहरा दिए हैं। अक्षय तृतीया पर सोने चांदी का बाजार तैयार हैं, मगर तिजोरियां भरे जाने की उम्मीदें कम नजर आ रही हैं। देहाती सहालग की बिक्री इस बार न के बराबर मानी जा रही है तो खेती पर निर्भर रहने वाला कारोबार भी सदमे में है। सराफा कारोबारी हालात को देखते हुए खुद आकलन जुटाए बैठे हैं।

अक्षय तृतीया पर कीमती धातुओं को खरीदना शुभ माना जाता है। कहते है कि इससे जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि का वास होता है। इस त्योहार के लिए बाजार में विशेष तैयारी होती है। शहर से लेकर गांव तक बजने वाली शहनाई को लेकर भी बिक्री जोरों पर रहती है। मगर, इस बार अन्नदाता बेहाल है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कहर ने अरमानों में गाज गिराई। किसानों ने लिए खाने तक के लाले पडे़ हुए हैं। सरकार की थोड़ी बहुत मदद इस दर्द को कम करने में नाकाफी साबित हो रही है।

श्री सर्राफा कमेटी एसोसिएशन के महामंत्री धनकुमार जैन कहते हैं कि तय आंकड़ा तो नहीं हैं, लेकिन इस दिन लगभग 25 फीसद बिक्री ही रहने वाली है। अगर ऐसा होता है तो बाजार के लिए इससे बड़ी मायूसी शायद नहीं हो सकती है। पिछले काफी दिनों से मंदी का आलम है। वैशाख की मंदी और तेजी वर्ष भर की आय को प्रभावित करती है। कारण साफ है किसानों की ऐसी दशा पर बाजार में कहां से धन की आवक बढ़ेगी। यह सौ फीसद सच है कि कीमती धातुओं के लिवालिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक होते हैं, जबकि शहरी आंकड़ा महज 20-25 फीसद है।

लक्ष्मीनारायण ज्वैलर्स के मालिक संदीप गुप्ता कहते है कि बाजार किसान के गल्ले पर निर्भर करता है, जो कि खाली पड़ा हुआ है। सरसों, आलू, गेहूं जैसे असली धन पर गर्व करने वाला किसान आज इनकी बर्बादी पर रो रहा है। बस अब औपचारिकता मात्र ही खरीदारी होने वाली है।

सिक्कों की खरीद पर भी मार

बैंक भी इस बार संशय की स्थिति में है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एजीएम सुनील काला कहते है कि अमूमन पर्व पर सोने के सिक्कों की काफी खरीद होती है। बैंक के पास 2 ग्राम से 100 ग्राम तक के सिक्के उपलब्ध होते हैं। सबसे ज्यादा मांग 10-15 ग्राम के सिक्कों की रहती है, लेकिन इस बार इसके कम रहने की आशंका है। अब तक सहालग को देखते हुए बिक्री मामूली ही रही है। उदाहरण के तौर पर इस समय 100 सिक्कों की बिक्री होती थी, जो कि इस दौरान 30 ही रही है।

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एक दिन में होता है बड़ा कारोबार

बुलियन कारोबारियों के मुताबिक अक्षय तृतीया पर सोने की खरीद शुभ मानी जाती है, इसलिए जमकर कारोबारी होता है। शहर में सोने चांदी के लगभग 250 से ज्यादा दुकानें हैं। पिछले वर्ष इस दिन लगभग 50-60 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। मौजूदा स्थिति को देखते हुए कारोबार 10-15 करोड़ तक सिमटने की आशंका जताई जा रही है।

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