तेजाब फेंकने वालों का सिर मुंडवाकर पीटो
जागरण संवाददाता, आगरा: एसिड हमले की पीड़िता महिला-युवतियां अब किसी पर निर्भर नहीं होंगी। रविवार को छा
जागरण संवाददाता, आगरा: एसिड हमले की पीड़िता महिला-युवतियां अब किसी पर निर्भर नहीं होंगी। रविवार को छांव संस्था के प्रयासों ने हकीकत की जमीन पर पहला कदम बढ़ा दिया। पीड़ितों को स्वावलंबी बनाने को शीरोज हैंगआउट कैफे का टेस्ट रन बांदा से आई गुलाबी गैंग की लीडर संपत पाल ने शुरू किया। उन्होंने एसिड फेंकने वालों के खिलाफ तीखे तेवर भी दिखाए।
शीरोज हैंगआउट के टेस्ट रन में बांदा से अपनी टीम के साथ आई संपत पाल ने केक काट कर इसकी शुरुआत की। छांव संस्था के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि महिला और युवतियों को पढ़ाई कर हर हाल में स्वावलंबी बनना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एसिड फेंकने वालों का सिर मुंडवा कर पीटा जाए। चेहरे पर देशद्रोही लिख कर बाजार में घुमाना चाहिए। इससे वह शर्म से खुद ही मर जाएंगे। माधुरी दीक्षित अभिनीत गुलाबी गैंग फिल्म के बारे में उनका कहना था कि वह फिल्म उनकी अनुमति के बिना बनाई। फिल्म निर्माता पर वह मुकदमा दायर करा चुकी हैं। उनका कहना था कि महिला उत्पीड़न के 75 फीसद मामले फर्जी होते हैं। सच्चे मामले अलग नजर आते हैं।
वहीं, शीरोज हैंगआउट के बारे में छांव संस्था के असीम त्रिवेदी और आशीष शुक्ला ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसिड अटैक पीड़ित रूपा, रितु, चंचल, नीतू और उनकी मां शीरोज हैंगआउट का संचालन करेंगी। अभी प्रयास लोगों को जोड़ने का है, इसलिए कैफे में किसी वस्तु के दाम निर्धारित नहीं किए। शहरवासी अपनी मर्जी के मुताबिक पैसा दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि करीब पंद्रह-बीस दिन बाद इसका विधिवत संचालन शुरू होगा।
कांग्रेस के टिकट पर लडें़गी
संपत पाल का कहना था कि मोदी सरकार सही नहीं चल रही। उन्हें बेरोजगारों को पेंशन देनी चाहिए। साथ ही अपने राजनीतिक प्लान के बारे में बताया कि अब वह खुद कांग्रेस के टिकट से एमएलए का चुनाव लड़ेंगी।