मोबाइल फोन पर GST बढ़ाने से इंडस्ट्री हो जाएगी बर्बाद: Xiaomi
Xiaomi India के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मोबाइल फोन पर GST बढ़ाने को लेकर ट्वीट किया है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते शनिवार को GST काउंसिल की बैठक में मोबाइल फोन पर लगने वाले GST को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसकी वजह से 1 अप्रैल से स्मार्टफोन या मोबाइल फोन खरीदना मंहगा हो सकता है। इसको लेकर स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। भारत में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बेचने वाली कंपनी Xiaomi India के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मोबाइल फोन पर GST बढ़ाने को लेकर ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में मनु जैन ने लिखा, GST की दर 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत करने से इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी।
My humble request to Hon. PM @NarendraModi ji and FM @nsitharaman ji - please reconsider this #GST hike.🙏
The industry is already struggling with depreciating INR & supply chain disruption due to Covid-19.
At least all devices under $200 (=₹15,000) must be exempted from this. https://t.co/hOMpSpTyKk" rel="nofollow
— Manu Kumar Jain (@manukumarjain) March 14, 2020
मनु जैन ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि लगातार गिरते भारतीय रुपये की वजह से स्मार्टफोन इंडस्ट्री पहले से ही दबाब में है। सभी निर्माता कंपनियों को अपने स्मार्टफोन की कीमतों में बढ़ोत्तरी करनी पड़ रही है। इसकी वजह से केन्द्र सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम पर असर पड़ेगा।
मनु जैन ने एक और ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग करते हुए लिखा है कि मोबाइल फोन पर लगने वाली GST बढ़ाने पर एक बार पुर्नविचार कर लीजिए। साथ ही, मनु जैन ने कोरोना वायरस की वजह से पहले से ही सप्लाई चेन की वजह से परेशान मोबाइल फोन इंडस्ट्री की और भी इशारा किया है। उन्होंने कहा कि $200 (लगभग 15,000 रुपये) से कम कीमत वाले डिवाइस को GST की नई दर से बाहर रखना चाहिए।
मनु जैन के अलावा ICEA (इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन) के चेयरमैन पंकज मोहिनद्रू ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए स्टेटमेंट में मोबाइल फोन पर सरकार द्वारा GST बढ़ाने का विरोध किया है। इसकी वजह से 2025 तक भारतीय मोबाइल फोन बाजार को 6 लाख करोड़ रुपये का बनाने वाला लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा। हम इसकी वजह से इस लक्ष्य से कम से कम 2 लाख करोड़ रुपये पीछे रह जाएंगे।