Cyber Security: Jio, Airtel और Vi को क्यों दिया गया 28000 से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करने का निर्देश, ये हैं इसके पीछे की बड़ी वजह
बीते दिन दूरसंचार विभाग ने भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटर्स यानी जियो भारतीय एयरटेल और वोडाफोन आडिया के साथ-साथ अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 28000 मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इन मोबाइल में इस्तेमाल हुए लगभग 20 लाख मोबाइल कनेक्शन के री-वेरिफिकेशन के लिए भी आदेश दिया है। आइये जानते हैं कि सरकार ने ये कदम क्यों उठाया।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। बढ़ती टेक्नोलॉजी और विकास के चलते टेलीकॉम जगत में काफी बदलाव हुआ है। मगर इसके साथ ही टेक्नोलॉजी के कारण इससे जुड़ी समस्याएं सामने आई है।ऐसे में साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसके चलते सरकार लगातार इस समस्या से निपटने के लिए प्रयासरत रहती है।
हाल ही में दूरसंचार विभाग (DoT) ने रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य सहित दूरसंचार ऑपरेटरों को साइबर अपराधों से संबंधित 28,200 मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इन दूरसंचार कंपनियों को 20 लाख मोबाइल कनेक्शन के लिए भी तुरंत री-वेरिफिकेशन करने के लिए भी कहा गया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
साइबर अपराध के खिलाफ है सरकार
आपको बता दें कि एक आधिकारिक बयान में पता चला है कि दूरसंचार विभाग (DoT), गृह मंत्रालय (MHA) और राज्य पुलिस ने वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराध में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए हाथ मिलाया है। इसमें यह भी कहा गया कि इस सहयोगी प्रयास का उद्देश्य धोखेबाजों के नेटवर्क को खत्म करना और नागरिकों को डिजिटल खतरों से बचाना है। गृह मंत्रालय ने अपने एनालिसिस में पता चला है कि साइबर क्राइम में 28,200 मोबाइल हैंडसेट का दुरुपयोग किया गया था। आगे DoT ने पाया कि इन मोबाइल हैंडसेट के साथ 20 लाख नंबरों का उपयोग किया गया था।यह भी पढ़ें - BSNL का सबसे सस्ता प्लान! 2GB डेटा, अनलिमिटेड कॉलिंग सहित मिलते हैं ये बेनिफिट्स, कीमत सिर्फ 199 रुपये
टेलीकॉम कंपनियों की जिम्मेदारी
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