फेक न्यूज के खिलाफ व्हाट्सएप उठाएगी कड़े कदम, यूजर्स को कर रही जागरुक

फेक न्यूज को लेकर व्हाट्सएप कड़े कदम उठाने जा रही है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 22 Aug 2017 01:21 PM (IST) Updated:Tue, 22 Aug 2017 01:21 PM (IST)
फेक न्यूज के खिलाफ व्हाट्सएप उठाएगी कड़े कदम, यूजर्स को कर रही जागरुक
फेक न्यूज के खिलाफ व्हाट्सएप उठाएगी कड़े कदम, यूजर्स को कर रही जागरुक

नई दिल्ली (जेएनएन)। फेसबुक की स्वामित्व वाली मैसेजिंग एप व्हाट्सएप यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है उसके प्लेटफॉर्म से किस तरह फेक न्यूज फैलाई जा रही हैं। कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर Alan Kao ने इस स्थिति को कॉम्प्लैक्स का नाम दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि एप पर सेंडर और रिसीवर के अलावा मैसेजेज को कोई और नहीं पढ़ सकता है। Kao ने एक रिपोर्ट में बताया, “हम अपने प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज न देखना चाहते हैं और न ही पढ़ना चाहते हैं। लेकिन यह पता लगाना बेहद मुश्किल है कि कौन-सी खबर फर्जी है और कौन-सी नहीं।” ऐसे में कंपनी इन खबरों को कम करने के तरीकों पर काम कर रही है।

व्हाट्सएप पर फैलाई गई फेक न्यूज:

आपको बता दें कि कई उदाहरण देखे जा सकते हैं जिसमें व्हाट्सएप के जरिए ही फर्जी खबरें फैलाई गई। उदाहरण के तौर पर: नए नोटों में जीपीएस चिप होने की खबर या मुजफ्फरनगर दंगों का वीडियो आदि। ऐसी खबरें जल्दी वायरल हो जाती हैं क्योंकि भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग व्हाट्सएप से जुड़े हुए हैं। Kao ने बताया कि व्हाट्सएप ऐसी खबरों को रोकने के लिए कई कदम उठा रहा है। कंपनी यूजर्स को फेक न्यूज को लेकर जागरुक कर रही है कि किसी भी न्यूज को शेयर करने से पहले उसकी प्रामाणिकता को जांच लें।

व्हाट्सएप प्राइवेसी का भी रखेगी ध्यान:

Kao ने कहा कि एंड टू एंड एनक्रिप्शन के तहत व्हाट्सएप अपने सर्वर पर कोई भी मैसेज को सेव या स्टोर नहीं रखता है। मैसेजेज को केवल सेंडर और रिसीवर ही देख सकते हैं। कंपनी के सर्वर में मैसेजेज तब तक एनक्रिप्टेड फॉर्मेट में रहते हैं जब तक रिसीवर उसे पढ़ न ले। अगर रिसीवर 30 दिनों के अंदर मैसेज नहीं पढ़ता है तो वो सर्वर से हटा दिए जाते हैं। हालांकि, Kao ने यह भी कहा कि फेक खबरों को लेकर जो भी कदम उठाया जाएगा उसमें प्राइवेसी पर भी जोर दिया जाएगा।

रवि शंकर प्रसाद का क्या है कहना?

पिछले महीने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया था कि व्हाट्सएप पर कुछ आपत्तिजनक वीडियो को साझा किया गया था। व्हाट्सएप के पास ऐसे मैसेजेज की जानकारी न होने के कारण इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी। उन्होंने यह भी बताया कि व्हाट्सएप एक ऐसा फीचर उपलब्ध कराता है जिसके तहत यूजर्स किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट का स्क्रीनशॉट लेकर उसे कानून प्रवर्तन अधिकारियों को शेयर कर सकते हैं।

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