Basement Vastu Tips: बेसमेंट के लिए ये वास्तु टिप्स हैं महत्वपूर्ण, इसका ऐसे कभी न करें इस्तेमाल

Basement Vastu Tips लोग घर में बेसमेंट का निर्माण अशुभ मानते हैं लेकिन हकीकत यह है कि अगर बेसमेंट का निर्माण कराते वक्त वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए तो यह भी अच्छे परिणाम प्रदान करता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 11:30 AM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 10:51 AM (IST)
Basement Vastu Tips: बेसमेंट के लिए ये वास्तु टिप्स हैं महत्वपूर्ण, इसका ऐसे कभी न करें इस्तेमाल
Basement Vastu Tips: बेसमेंट के लिए ये वास्तु टिप्स हैं महत्वपूर्ण, इसका ऐसे कभी न करें इस्तेमाल

Basement Vastu Tips: बेसमेंट यानी कि तहखानों का निर्माण पुराने वक्त में महलों, किलों और मंदिरों में किया जाता था, लेकिन वर्तमान समय में बेसमेंट का निर्माण व्यावसायिक स्थानों के साथ ही घरों में भी बड़े पैमाने पर होने लगा है। हालाँकि घरों में बेसमेंट का निर्माण कराते वक्त अक्सर लोग थोड़ी दुविधा में रहते हैं। इस दुविधा का बड़ा कारण यह सोच है कि वे लोग घर में बेसमेंट का निर्माण अशुभ मानते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अगर बेसमेंट का निर्माण कराते वक्त वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए, तो यह भी अच्छे परिणाम प्रदान करता है। वास्तुकार संजय कुड़ी से जानते हैं बेसमेंट निर्माण के लिए वास्तु के कुछ अहम नियमों के बारे में।

1. बेसमेंट के निर्माण के लिए भूखंड का उपयुक्त भाग

बेसमेंट को बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि यह भूखंड के किस हिस्से में और कितने हिस्से में बनाया जा रहा है। उदाहरण के लिए पश्चिम और दक्षिण हिस्सा बेसमेंट के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है, अगर केवल इसी हिस्से में यह निर्मित किया जा रहा हो। यदि बेसमेंट का निर्माण पूरे भूखंड में किया जा रहा हो, तो दक्षिण व पश्चिम दिशा इसमें सम्मिलित होने के बावजूद भी ऐसा निर्माण यहां बेहतर होगा। इसके अतिरिक्त बेसमेंट उत्तर-पूर्व दिशा में बनाया जा सकता है। उत्तर या पूर्व दिशा से शुरू करके भूखंड के आधे हिस्से तक भी इसे निर्मित किया जा सकता है।

2. बेसमेंट का प्रवेश द्वार और सीढ़ियां

किसी भूखंड पर बना हुआ बेसमेंट शुभ है या अशुभ, इस बात का निर्धारण करने में सबसे अहम बात है उसका प्रवेश द्वार और सीढ़ियों की स्थिति। एक सामान्य घर के समान ही इसमें भी प्रवेश द्वार बहुत अहमियत रखता है। प्रवेश द्वार के निर्धारण के लिए आप कम्पास की सहायता से भूखंड को 360 डिग्री का एक वृत्त बनाकर बाँट देंगे। उत्तर दिशा में 337 डिग्री से 11 डिग्री, पूर्व दिशा में 67 से 90 डिग्री, दक्षिण में 157 से 180 डिग्री और पश्चिम में 247 से 270 डिग्री के बीच आप प्रवेश द्वार बना सकते हैं।

ध्यान रखने योग्य कुछ बातें

1- बेसमेंट की भी अन्य स्थानों की तरह नियमित साफ-सफाई करें और पर्याप्त प्रकाश की भी व्यवस्था करें।

2- बेसमेंट का उपयोग बेडरूम या किचन या कमरे बनाने के लिए नहीं करें।

3- इसका उपयोग एक गोदाम या वस्तुओं के स्टोरेज के लिए किया जा सकता है। भारी वस्तुओं को बेसमेंट के दक्षिण व पश्चिम भाग में रखा जा सकता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '

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