Guru Gobind Singh Jayanti 2022:आज है गुरु गोबिंद सिंह जयंती, जानें इस दिन की परंपरा और महत्व

Guru Gobind Singh Jayanti 2022 गुरु गोविंद सिंह जी को बचपन में गोबिंद राय नाम से पुकारा जाता था। उनके जन्म के बाद वह पटना में 4 वर्ष तक रहे। और उनके घर का नाम तख्त सहित पटना साहिब के नाम से जाना जाता है।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Thu, 06 Jan 2022 02:58 PM (IST) Updated:Sun, 09 Jan 2022 10:22 AM (IST)
Guru Gobind Singh Jayanti 2022:आज है गुरु गोबिंद सिंह जयंती, जानें इस दिन की परंपरा और महत्व
Guru Gobind Singh Jayanti 2022:आज है गुरु गोबिंद सिंह जयंती, जानें इस दिन की परंपरा और महत्व

Guru Gobind Singh Jayanti 2022: महान संत गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सन 1666 में बिहार के पटना शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था। गुरु गोविंद सिंह जी को बचपन में गोबिंद राय नाम से पुकारा जाता था। उनके जन्म के बाद वह पटना में 4 वर्ष तक रहे। और उनके घर का नाम तख्त सहित पटना साहिब के नाम से जाना जाता है। गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के 10वें गुरु थे और गुरु गोविंद सिंह जयंती उन्हीं के सम्मान में मनाई जाती है। इन्होंने सिख धर्म के लिए बहुत ही महान काम किए। इन्होंने ही आदि श्री ग्रंथ साहिब जी को पूरा किया था। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं

गुरु जयंती की परंपरा

गुरु गोविंद सिंह जी का सिख धर्म में महान योगदान रहा है इसलिए इस धर्म के लोग गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ दुनिया भर में मनाते हैं। इस वर्ष गुरु गोबिंद सिंह की जयंती 09 जनवरी, दिन रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन को प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सिख धर्म के लोग सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर नए कपड़े पहनते हैं और गुरुद्वारे में मत्था टेकने जाते हैं और अपने परिवार और रिश्तेदारों के सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। इस दिन गुरुद्वारे में लंगर भी लगता है। गुरुद्वारों में लोग गुरु गोविंद सिंह जी के गीत, कविता और कथा का आनंद लेते हैं और उन्हें याद करते हैं। सिख धर्म के लोग शहरों में जुलूस भी निकालते हैं और भक्ति गीत गाते हैं। इस दिन गुरबाणी कीर्तन भी किया जाता है, जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाएं हैं।

गुरु गोविंद सिंह जयंती का महत्व

गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की है। सिख धर्म के अनुयायी पर गुरु वाणी का विशेष प्रभाव पड़ा है। खासकर युवाआों के लिए गुरु गोविंद सिंह की वाणी प्रेरणास्त्रोत हैं। गुरु जी कवि, लेखक, दार्शनिक और साहित्यकार थे। उन्होंने कई साहित्य की रचना की है। सन 1708 में गुरु जी की मृत्यु के पश्चात गुरु गोविंद सिंह को गुरु घोषित किया गया।

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