शिंगणापुर विवाद में नया मोड, अब महिला पुजारी की मांग उठी

शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विवाद सुलझाने की कोशिशों का झटका लगा है। महिला कार्यकर्ताओं की मांग है कि महिलाओं को प्रवेश की अनुमति तो मिले ही, साथ ही पुजारी की भूमिका निभाने वालों में भी महिला को शामिल किया जाए।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 09 Feb 2016 12:57 PM (IST) Updated:Tue, 09 Feb 2016 12:58 PM (IST)
शिंगणापुर विवाद में नया मोड, अब महिला पुजारी की मांग उठी

पुणे। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विवाद सुलझाने की कोशिशों का झटका लगा है। महिला कार्यकर्ताओं की मांग है कि महिलाओं को प्रवेश की अनुमति तो मिले ही, साथ ही पुजारी की भूमिका निभाने वालों में भी महिला को शामिल किया जाए।

भूमाता ब्रिगेड आंदोलन की नेतृत्वकर्ता तृप्ति ने कहा कि चबूतरे पर पुरुषों के भी नहीं जाने पर सहमत होना भी ट्रस्टियों की पुヒष मानसिकता को दिखा रहा है। उन्होंने मांग रखी कि मूर्ति की पूजा करने वाले पुजारियों में महिला को भी शामिल करना होगा। पूरे मामले में मध्यस्थता करने वाले श्री श्री रविशंकर ने भी महिला पुजारी की मांग का समर्थन किया है।

वहीं मंदिर के ट्रस्टियों ने तिरुपति बालाजी मंदिर के दर्शन मॉडल पर आधारित श्री श्री के फॉर्मूले पर सहमति जताई। लेकिन तृप्ति की मांग पर कहा कि महिलाओं को अंतिम पूजा का अवसर देना संभव नहीं है। अब सभी की निगाहें अगले हफ्ते तृप्ति की मुख्यमंत्री होने वाली मुलाकात पर टिकी है।

इससे पहले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने रविवार को शनि शिंगणापुर विवाद सुलझाने का दावा किया। इस मामले में रविवार को मध्यस्थता करते हुए उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर की दर्शन व्यवस्था का प्रस्ताव दिया। इसके अनुसार महिला और पुरुष, दोनों को ही पवित्र चबूतरे के दर्शन कुछ दूरी से करने की अनुमति होगी। यानी दोनों ही शनि मंदिर के चबूतरे पर नहीं चढ़ पाएंगे, जहां मूर्ति पर तेल चढ़ाया जाता है।

इसके पीछे तर्क यह भी दिया गया है कि इससे वहां फिसलने का डर रहता है। श्री श्री ने विवाद को हल करने के लिए ट्रस्टियों और भूमाता ब्रिगेड की नेता तृप्ति के साथ अलग-अलग बैठक की। इसके बाद दावा किया कि विवाद का समाधान हो गया है।

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