फिर नदियों में ही होगा मूर्ति विसर्जन

गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन मामले में राज्य सरकार एवं 21 जिलाधिकारियों को फिलहाल इस साल के लिए राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मूर्तियों का विसर्जन नदियों में करने की रोक का कड़ाई से पालन करने के सख्त निर्देशों में ढील दे दी है। साथ ही इलाहाबाद जिला प्रशासन की संगम पर काली सड़क किनारे 100 गुणा 50 मीटर क

By Edited By: Publish:Sat, 20 Sep 2014 05:01 PM (IST) Updated:Sat, 20 Sep 2014 05:01 PM (IST)
फिर नदियों में ही होगा मूर्ति विसर्जन

इलाहाबाद। गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन मामले में राज्य सरकार एवं 21 जिलाधिकारियों को फिलहाल इस साल के लिए राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मूर्तियों का विसर्जन नदियों में करने की रोक का कड़ाई से पालन करने के सख्त निर्देशों में ढील दे दी है। साथ ही इलाहाबाद जिला प्रशासन की संगम पर काली सड़क किनारे 100 गुणा 50 मीटर का तालाब बनाकर मूर्ति विसर्जन की योजना को मंजूरी दे दी है।

कोर्ट ने राज्य सरकार को तालाबों में मूर्ति विसर्जन करने की वैकल्पिक योजना पर काम करने का आदेश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर लगी रोक के आदेश को संशोधित करने की मांग में दाखिल अर्जी पर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार व जिलाधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

बोर्ड ने नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने की गाइड लाइन जारी की है जिसका पालन अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह, मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने इलाहाबाद प्रशासन की योजना पेश करते हुए इस वर्ष मूर्ति विसर्जन के आदेशों में ढील देने की मांग की और कहा कि सरकार गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्य सचिव ने 19 अगस्त को बैठक कर मूर्ति विसर्जन की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया है।

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