पवित्र जल की बूंदों में धोये पाप ताप

मीरघाट स्थित शक्तिपीठ में भगवती विशालाक्षी गौरी का बुधवार को कुंभाभिषेक अनुष्ठान किया गया। मंदिर के शीर्ष पर नया शिवाला स्थापित किया गया। इससे पहले अर्चकों ने शिवाले की विधि विधान से पूजा अर्चना की। यहां 33 करोड़ देवी देवताओं का भी पूजन किया गया। इसके साथ ही कुंभाभिषेक के पवित्र जल की बूंदें बरसाई गई। इसमें भीग कर पाप ताप से मुक्ति को भक्तों में होड़ लगी रही।

By Edited By: Publish:Thu, 18 Apr 2013 01:45 PM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2013 01:45 PM (IST)
पवित्र जल की बूंदों में धोये पाप ताप

वाराणसी। मीरघाट स्थित शक्तिपीठ में भगवती विशालाक्षी गौरी का बुधवार को कुंभाभिषेक अनुष्ठान किया गया। मंदिर के शीर्ष पर नया शिवाला स्थापित किया गया। इससे पहले अर्चकों ने शिवाले की विधि विधान से पूजा अर्चना की। यहां 33 करोड़ देवी देवताओं का भी पूजन किया गया। इसके साथ ही कुंभाभिषेक के पवित्र जल की बूंदें बरसाई गई। इसमें भीग कर पाप ताप से मुक्ति को भक्तों में होड़ लगी रही।

भोर में माता विशालाक्षी को पंचगव्य से स्नान और मंगला आरती की गई। काल योग पूजन और पूर्णाहुति के बाद पूर्वाह्न नौ बजे 25 सदस्यीय आचार्य दल ने वैदिक मंत्रों के बीच कुम्भाभिषेक अनुष्ठान शुरू किया। शिखर स्थापन मण्डलाभिषेक पूजन और गौरी का अष्टवंदनम् महाभिषेक किया गया। चातुर्कालम होम, पूर्णाहुति के बाद दीप आराधना व आरती की गई। देर रात तक अनुष्ठान चले। नाटकोटि नगर क्षेत्रम के संयोजन और सर्व साधक विकास रत्‍‌ना व डा. के पिच्चई शिवाचार्य, आचार्य सीटीसी चिदंबरम शेट्टिया, पिच्चै आर पट्टी समेत 25 सदस्यीय अर्चकों के दल ने अनुष्ठान कराया। इस दौरान मंदिर को विभिन्न कलाकृतियों से सजाया गया था। दक्षिण भारतीय कलाकारों ने शहनाई व मृदंग वादन किया। महंत शरदनाथ तिवारी, सुरेश तिवारी, नितिन तिवारी, निशांत तिवारी, विजयनाथ तिवारी आदि ने स्वागत किया। दक्षिण भारत से आए हजारों श्रद्धालु अनुष्ठान में शामिल हुए।

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