तृतीया श्राद्ध पर पितरों के निमित्त किए कर्मकांड

तृतीया श्राद्ध पर लोगों ने नारायणी शिला और कुशावर्त घाट पर पितरों के निमित्त कर्मकांड सम्पन्न कराए। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में पित्रगण धरती पर वास करते हैं। बुधवार को तृतीया का श्राद्ध कर्म किया गया। लोगों ने घरों में पित्रों के निमित्त विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर ब्राह्मणों

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2015 04:59 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2015 05:04 PM (IST)
तृतीया  श्राद्ध  पर पितरों के निमित्त किए कर्मकांड

हरिद्वार। तृतीया श्राद्ध पर लोगों ने नारायणी शिला और कुशावर्त घाट पर पितरों के निमित्त कर्मकांड सम्पन्न कराए। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में पित्रगण धरती पर वास करते हैं। बुधवार को तृतीया का श्राद्ध कर्म किया गया। लोगों ने घरों में पित्रों के निमित्त विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर ब्राह्मणों को भोजन कराया। साथ ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर स्नान कर पुण्य अर्जित किया।

धर्माचार्य डॉ. शक्तिधर शर्मा के अनुसार इस बार श्राद्ध की तिथियों में कोई उलटफेर नहीं है। अकाल मृत्यु से ग्रस्त विषपान करने वालों तथा दुर्घटना में मृत अथवा जो घर से बिना बताए चले गए या जिनकी मृत्यु की तिथि ज्ञान नहीं है उनकाश्राद्ध 10 अक्टूबर को मनाना शास्त्र सम्मत है।

पंडे पुरोहित व ब्राह्मणों के साथ-साथ स्थानीय संस्कृत महाविद्यालयों में पढ़ने वाले संस्कृत छात्रों को भी जीमने के लिए बुलाया जा रहा है। यह छात्र लोगों के घर, आश्रम, धर्मशालाओं में श्रद्ध जीमने जा रहे हैं। श्राद्ध के दौरान लोग इन्हें वस्त्र, दक्षिणा व अन्य सामग्री प्रदान कर रहे हैं।

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