Garuda Purana: मरने के बाद ऐसे लोगों को प्राप्त होता है स्वर्ग लोक

जीवन काल में किए गए कर्मों के अनुसार ही व्यक्ति को अगला जन्म मिलता है। गरुड़ पुराण में व्यक्ति के देह त्यागने से लेकर अगले जन्म की यात्रा के बारे में विस्तार से उल्लेख है। प्रकांड पंडितों और जानकारों की मानें तो व्यक्ति के मरने के बाद उसके कर्मों के अनुसार यमराज फैसला सुनाते हैं। अच्छे कर्म करने वाले लोगों को स्वर्ग भेजा जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Thu, 28 Mar 2024 04:16 PM (IST) Updated:Thu, 28 Mar 2024 04:16 PM (IST)
Garuda Purana: मरने के बाद ऐसे लोगों को प्राप्त होता है स्वर्ग लोक
Garuda Purana: मरने के बाद ऐसे लोगों को प्राप्त होता है स्वर्ग लोक

HighLights

  • कई पुण्यात्माओं को कर्म अनुसार स्वर्ग से ऊपर लोक में भी स्थान प्राप्त होता है।
  • व्यक्ति के मरने के बाद उसके कर्मों के अनुसार यमराज फैसला सुनाते हैं।
  • नाभि से नीचे मार्गों द्वारा प्राण त्यागने वाले लोगों को नीच लोक में स्थान मिलता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Garuda Purana: सनातन धर्म शास्त्रों में पुनर्जन्म का वर्णन है। जीवन काल में किए गए कर्मों के अनुसार ही व्यक्ति को अगला जन्म मिलता है। गरुड़ पुराण में व्यक्ति के देह त्यागने से लेकर अगले जन्म की यात्रा के बारे में विस्तार से उल्लेख है। प्रकांड पंडितों और जानकारों की मानें तो व्यक्ति के मरने के बाद उसके कर्मों के अनुसार यमराज फैसला सुनाते हैं। अच्छे कर्म करने वाले को स्वर्ग भेजा जाता है, तो बुरे कर्म करने वाले को नरक भेजा जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि व्यक्ति के देह त्यागने की स्थिति से भी स्वर्ग और नरक का पता चल जाता है ? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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गीता में उल्लेख

जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण गीता में अपने परम शिष्य अर्जुन से कहते हैं- हे कौन्तेय! सूर्य के उत्तरायण होने पर, शुक्ल पक्ष के दौरान, दिन के समय में जो पुण्यात्मा अपना देह त्यागता है, उसे तत्क्षण मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, सूर्य के दक्षिणायन होने पर, कृष्ण पक्ष के दौरान, रात के समय में देह त्यागने पर व्यक्ति को चंद्र लोक में स्थान प्राप्त होता है। एक निश्चित समय के बाद जीवात्मा को पुनः मृत्यु लोक में आना पड़ता है। अतः संतजन सूर्य उत्तरायण होने पर समाधि लेते हैं। ऐसे पुण्यात्मा को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है।

गरुड़ पुराण

गरुड़ पुराण में भी उच्च लोकों के बारे में वर्णन है। इसमें भगवान नारायण गरुड़ जी से कहते हैं-नाभि से ऊपर मार्गों द्वारा जो पुण्यात्मा अपना देह त्यागता है, उसे उच्च लोक में स्थान प्राप्त होता है। आसान शब्दों में कहें तो ऐसे लोगों को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। कई पुण्यात्माओं को कर्म अनुसार स्वर्ग से ऊपर लोक में भी स्थान प्राप्त होता है। वहीं, नाभि से नीचे मार्गों द्वारा प्राण त्यागने वाले लोगों को नीच लोक में स्थान मिलता है। ऐसे लोगों को यमराज द्वारा कड़ी यातना दी जाती है। साथ ही यमलोक की यात्रा के दौरान आग, पानी, हवा आदि भयानक चीजों से प्रताड़ित किया जाता है।

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