ऐसे कई मंदिर हैं जहां मंदिर की बाहरी दीवारों पर कामसूत्र का चित्रण किया गया है

रामराज्य श्रीराम को भगवान विष्णु के मानवातार बताए गए। इसके बाद द्वापरयुग आया, इस दौरान भगवान विष्णु ने एक बार फिर श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 21 Jul 2016 12:15 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jul 2016 12:38 PM (IST)
ऐसे कई मंदिर हैं जहां मंदिर की बाहरी दीवारों पर कामसूत्र का चित्रण किया गया है

भारत दुनिया का एकमात्र देश माना जाता है, जहां सभ्यता सबसे पहले आई थी। विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता मोहनजोदड़ो, हडप्पा भारत में ही शुरू हुई थीं। इन प्राचीन सभ्यताओं में मूर्ति पूजा का उल्लेख मिलता है। ये मूर्तियां भगवान शिव की मूर्तियां हैं।

समय के साथ भारत में रीति-रिवाज और संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ। वैदिक काल आते-आते मनुष्य का विकास तेजी से हुआ। इस दौरान सनातन धर्म ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए लोगों को जोड़ने का काम किया।

मान्यता है कि जब भारत में सनातन धर्म पूरी तरह से पल्लवित होकर, सभ्यता के नए सोपान अर्जित कर रहा था, तब पश्चिम संस्कृति का उदय भी नहीं हुआ था। समय आगे बढ़ा और रामराज्य आया। रामराज्य श्रीराम को भगवान विष्णु के मानवातार बताए गए। इसके बाद द्वापरयुग आया, इस दौरान भगवान विष्णु ने एक बार फिर श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया।

इस समय तक भारत में सनातन धर्म की स्थिति पूरी तरह से मजबूत थी। विश्व में हिंदू धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जहां विवाह, सात जन्मों के बंधन के रूप में माना गया है। हमारे यहां विवाह पवित्र संस्कार है।

वहीं भारत में खजुराहो के मंदिर, अजंता-एलोरा की गुफाओं में मौजूद मंदिर, कोणार्क के सूर्य मंदिर के अलावा ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं। जहां मंदिर की बाहरी दीवारों पर कामसूत्र का चित्रण किया गया है। ताकि भक्त वासनाओं को बाहर छोड़कर भगवान की आराधना में अपना ध्यान पूरी तरह केंद्रित कर सके।

chat bot
आपका साथी