श्रावण का महीना शिवजी का महीना

श्रावण का महीना शिवजी का महीना है। इस माह की शुरुआत के साथ श्रावण माह का पहला सोमवार 3 अगस्त हो है। जिसे लेकर शिव भक्तों में अपार उत्साह है। मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की भक्ति को लेकर आने वाले श्रद्घालुओं की संख्या को देखकर पूरे दिन मंदिरों में विशेष

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2015 08:58 AM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2015 09:43 AM (IST)
श्रावण का महीना शिवजी का महीना

अशोकनगर। श्रावण का महीना शिवजी का महीना है। इस माह की शुरुआत के साथ श्रावण माह का पहला सोमवार 3 अगस्त हो है। जिसे लेकर शिव भक्तों में अपार उत्साह है। मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की भक्ति को लेकर आने वाले श्रद्घालुओं की संख्या को देखकर पूरे दिन मंदिरों में विशेष तैयारियों के आयोजन चलते हैं। श्रावण का महीना सही अर्थों में भगवान भोलेनाथ की भक्ति का महिना है। भगवान शिव एक मात्र ऐसे देव है जो अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होते हैं।

श्रावणमास के हर सोमवार को श्रद्घालु सुबह से ही शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए जाते हुए नजर आएंगे। तरह-तरह की सामग्री से अनका अभिषेक होगा। कहते हैं जलाभिषेक करने से भगवान जल्दी ही प्रसन्न होते हैं। इन दिनों में भक्तों को जप, तप और व्रत करते हुए देखा जाएगा। महिलाओं की टोलियां श्रावण मास में शिव मंदिरों पर पहुंचकर भगवान शिव की भक्ति और कीर्तन करते हुए नजर आएंगी। राशियों में शिव भक्तों द्वारा शिवालयों पर भगवान शिव के भजनों से उन्हें खुश किया जाएगा। अशोकनगर शहर में श्रावण मास का महीना पूरे भक्तिभाव से गुजरता है। एक समय था जब जिले में शिव के भक्तों का नजारा कम ही नजर आता था लेकिन अब यह नगरी भी शिव महिमा से सरावोर नजर आने लगी है।

एक समय था जब यहां काबड़ यात्राएं नजर नहीं आती थी। अब यह यात्राएं भी नजर आने लगी है। जिले में काबड़ यात्राएं जिले की नदियों के सुरम्य घाट से जल भरकर शिव मंदिरों पर पहुंचती है। शहर में शिव मंदिरों की संख्या भी कम नहीं है। यहां जितने भी मंदिर है वहां शिवजी जरूर विराजमान है। गढ़ी स्थित शिव मंदिर, बृहम गौण शिव मंदिर, शंकर जी मंदिर, आसमानी माता मंदिर स्थित शिवालय, तारवाले बालाजी मंदिर, बाजार मंदिर, गायत्री मंदिर जैसे सभी मंदिरों में शिवजी की विशेष की विशेष भक्ति नजर आएगी। प्राचीन शिवालयों का भंडार जिले में शिवालयों की संस्कृति भी अत्यंत समृद्घ है। जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर प्राचीन नगरी तूमैन में हजार मुखी शिवलिंग जगह-जगह देखे जा सकते है। यहां शिवजी के अनेकों मंदिर है। इस ग्राम में शिवजी के साथ नादिया भी देखे जा सकते हैं। जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर ग्राम कदवाया में भी कई प्राचीन शिवलिंग और खुजराहों शैली के मंदिर देखे जा सकते हैं। इन मंदिरों के बाहर नक्काशी दखने लायक है। यह मंदिर ग्राम के बाहर बनें है जिन पर पुरातत्व विभाग की नजर है। इन मंदिरों में बड़े-बड़े शिवलिंग देखे जा सकते है। श्रावण मास में यह स्थान भी श्रद्घालुओं की आस्था के केन्द्र बन जाते है। इस माह में श्रद्घालु देशभर के ज्योर्तिलिंगों के दर्शनों के लिए भी पहुंचते हैं।

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