बाप्पा के गुणों की श्रेयता का रूप है कपिल
गणेशजी अपनी कृपा से मनुष्य को स्वास्थ्य, समृद्धि और बुद्धि का दान देते हैं और इस तरह वे कपिल स्वरूप हैं।
कपिल का अर्थ गोरा, ताम्रवर्ण, मटमैला होता है। इस रंग की गाय को 'कपिला' कहा गया है। यहां संकेत यह है कि जिस प्रकार कपिला (कपिलवर्णी गाय) धुंधले रंग की होने पर भी दूध, दही, घी आदि पौष्टिक पदार्थों को देकर मनुष्यों का भला करती है।
उसी तरह कपिलवर्णी गणेशजी बुद्धिरूपी दही, आज्ञारूपी घी, उन्नत भावरूपी दुग्ध द्वारा मनुष्य को पुष्ट बनाते हैं तथा मनुष्यों के अमंगल का नाश करते हैं। गणेशजी उस गौ की तरह मनुष्य के सभी क्लेशों को हर लेते हैं और मंगल करते हैं।
चूंकि गणेशजी मंगल करने वाले देवता हैं इसलिए उनका नाम कपिल सर्वथा उपयुक्त है। गणेशजी अपनी कृपा से मनुष्य को स्वास्थ्य, समृद्धि और बुद्धि का दान देते हैं और इस तरह वे कपिल स्वरूप हैं।
महत्व- वर्ण की अपेक्षा गुण की श्रेयता है।