देश के कई प्राचीन मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर बहस जारी

देश के कई प्राचीन मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर बहस जारी है। इसी तरह परंपरा और धर्म के नाम पर पिछले 400 सालों से उत्‍तराखंड के मंदिरों में भी दलितों और महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। लेकिन इनमें से एक मंदिर प्रबंधन ने इस परंपरा को तोड़ने की

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2016 12:34 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2016 12:41 PM (IST)
देश के कई प्राचीन मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर बहस जारी

देहरादून। देश के कई प्राचीन मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर बहस जारी है। इसी तरह परंपरा और धर्म के नाम पर पिछले 400 सालों से उत्तराखंड के मंदिरों में भी दलितों और महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। लेकिन इनमें से एक मंदिर प्रबंधन ने इस परंपरा को तोड़ने की तैयारी कर ली है।

खबरों के अनुसार गढ़वाल में बने श्री परशुराम मंदिर में अब दलित और महिलाएं प्रवेश कर पाएंगे। इस बाबत निर्णय लेते हुए मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि भविष्य में हम मंदिर में आने वाले सभी लोगों का स्वागत करेंगे।

हालांकि, मंदिर प्रबंधन ने मंदिर में दलितों और महिलाओं के प्रवेश से प्रतिबंध हटा लिया है लेकिन दलित नेताओं का कहना है कि वो एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और इसे वे तब जीतेंगे जब पूरे 339 मंदिरों में यह प्रतिबंध खत्म हो जाएगा।

अपने निर्णय को लेकर मंदिर प्रबंधन के चेयरमैन जवाहर सिंह चौहान ने कहा है कि यह क्षेत्र विकास के पथ पर है और यहां साक्षरता के स्तर में भी बढ़ातरी हुई है इसके चलते लोग बदलाव चाहते हैं। मालूम हो कि पिछले कुछ महीनों में दलितों ने लगातार प्रदर्शन करते हुए मंदिरों में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग तेज कर दी है।

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