स्मार्ट सिटी की प्रयोगभूमि बनेगा नासिक कुंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देखा जा रहा स्मार्ट सिटी का स्वप्न रंग लाता दिखाई दे रहा है। देश और विदेश के कई शिक्षा संस्थान भी इसमें रुचि ले रहे हैं। नासिक में लगभग शुरू हो चुका सिंहस्थ कुंभ इस परियोजना की प्रयोगभूमि बनने जा रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2015 12:41 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2015 12:43 PM (IST)
स्मार्ट सिटी की प्रयोगभूमि बनेगा नासिक कुंभ

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देखा जा रहा स्मार्ट सिटी का स्वप्न रंग लाता दिखाई दे रहा है। देश और विदेश के कई शिक्षा संस्थान भी इसमें रुचि ले रहे हैं। नासिक में लगभग शुरू हो चुका सिंहस्थ कुंभ इस परियोजना की प्रयोगभूमि बनने जा रहा है।

दुनिया का माना-जाना विश्वविद्यालय मैस्सेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं प्रबंधन क्षेत्र में भारत की अग्रणी शिक्षण संस्था वेलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट डेवलपमेंट एंड रिसर्च के साथ मिलकर करीब एक दर्जन देशी-विदेशी शिक्षण संस्थान नासिक कुंभ के दौरान कुछ ऐसे प्रयोग करने जा रहे हैं, जो भविष्य में मोदी की कल्पना वाले स्मार्ट सिटी की आधारशिला बन सकते हैं। इनमें भीड़ प्रबंधन, संचार व्यवस्था, लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना, आवास, स्वच्छता जैसे करीब एक दर्जन विषयों पर उक्त संस्थानों के विद्यार्थी पिछले दो वर्षों से काम कर रहे हैं।

वेलिंगकर इंस्टीट्यूट के समूह निदेशक डॉ. उदय सालुंखे कहते हैं कि कुंभ के दौरान नासिक आनेवाले विभिन्न वर्गों के दो करोड़ से अधिक लोगों के बीच यदि ये प्रयोग सफल रहे तो भविष्य के परिकल्पित स्मार्ट सिटीज में भी आसानी से लागू किया जा सकेगा। डॉ. सालुंखे के अनुसार इन शिक्षण संस्थानों की टीम नासिक कुंभ के प्रबंधन में लगे सरकारी तंत्र के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि इन संस्थानों की विशेषज्ञता का पूरा लाभ कुंभ में आ रहे श्रद्धालुओं को मिल सके।

कुंभ को ध्यान में रखकर तैयार की गई इस परियोजना में मैस्सेचुसेट्स इंस्टीट्यूट जहां अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर रहा है। वहीं कुशल प्रबंधक तैयार करनेवाला वेलिंगकर इंस्टीट्यूट कई संस्थानों के बीच संयोजन की जिम्मेदारी संभाल रहा है। नासिक के कई स्थानीय शिक्षण संस्थान जमीनी तौर पर योजना को कार्यरूप देने की तैयारी कर रहे हैं। किस पर किसी एक स्थान पर श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा होने का सिग्नल मोबाइल टावर के जरिए प्राप्त होने पर वहां पुलिस टीम भेजने से लेकर कुंभ क्षेत्र में फेंके जा रहे कचरे की त्वरित सफाई एवं किसी आपात स्थिति में किसी व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने तक का इंतजाम करने की योजना है। यदि श्रद्धालु स्मार्टफोन धारक हैं तो उनके लिए विशेषतौर पर कुंभथॉन एप तैयार किए गए हैं । जिनके जरिए वे अपनी जरूरत की चीजें पलक झपकते ही अपने मोबाइल के जरिए ढूंढ सकते हैं।

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