केदारनाथ में मिलते रहेंगे कंकाल

केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा के बाद मलबे में हजारों शव दबे हुए हैं। जैसे-जैसे मलबा हटता रहेगा, कंकाल मिलते रहेंगे। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की विधायक शैलारानी रावत का कहना है कि जब तक जीएसआई की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक केदारनाथ से मलबा हटाने का काम शुरू नहीं किया जाएगा। दरअसल, कुछ दिनों पूर्व भाजपा ने

By Edited By: Publish:Mon, 18 Nov 2013 03:00 PM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2013 03:37 PM (IST)
केदारनाथ में मिलते रहेंगे कंकाल

देहरादून। केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा के बाद मलबे में हजारों शव दबे हुए हैं। जैसे-जैसे मलबा हटता रहेगा, कंकाल मिलते रहेंगे। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की विधायक शैलारानी रावत का कहना है कि जब तक जीएसआई की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक केदारनाथ से मलबा हटाने का काम शुरू नहीं किया जाएगा। दरअसल, कुछ दिनों पूर्व भाजपा ने केदारनाथ में घरों व होटल के अंदर पड़े शवों की तस्वीरें जारी कर दावा किया था कि सरकार यहां से शवों को हटाने के काम में लापरवाही कर रही है। इस संबंध में केदारनाथ विधानसभा की विधायक शैलारानी रावत का कहना है कि भाजपा ने पुराने फोटो जारी किए हैं।

हालांकि यह बात सही है कि केदारनाथ में तकरीबन आठ हजार लोग दबे हैं। इनकी शिनाख्त कम हो पा रही है। इसे सरकार की नाकामी नहीं कह सकते। सरकार अपनी ओर से लगातार यहां के पुनर्निर्माण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। जहां तक कंकालों की बात है तो वह आगे भी मिलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में मलबा हटाने के लिए अभी भवन स्वामियों से वार्ता नहीं हुई है। जीएसआई की रिपोर्ट आने के बाद इस संबंध में कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में निर्माण कार्यो के मसले पर 24 नवंबर को एक बैठक बुलाई गई है। इसमें तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

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