पैरों में क्यों नहीं पहनते सोने के गहने, जानें वैज्ञानिक पहलू

सोने के आभूषणों की तासीर गर्म और चांदी की शीतल होती है. आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य का सिर ठंडा और पैर गर्म रहना चाहिए. इसलिए सिर पर सोना और पैरों में चांदी के आभूषण ही धारण करने चाहिए.

By Pratima JaiswalEdited By: Publish:Fri, 01 Dec 2017 12:28 PM (IST) Updated:Mon, 04 Dec 2017 04:23 PM (IST)
पैरों में क्यों नहीं पहनते सोने के गहने, जानें वैज्ञानिक पहलू
पैरों में क्यों नहीं पहनते सोने के गहने, जानें वैज्ञानिक पहलू

सोने के गहनों को कीमत और धार्मिक दोनों दृष्टि से सबसे ऊपर माना जाता है. विवाह, पूजा-पाठ आदि संस्कारों में सोने के गहने शुभ माने जाते हैं. वहीं हर उत्सव में सोने के गहने पहने जाते हैं, लेकिन क्या आपने गौर किया है कि सोने के गहने पैरों में क्यों नहीं पहने जाते. इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण छुपा हुआ है.

 

पैरों में नहीं पहनते सोने के गहने 

सोने के आभूषणों की तासीर गर्म और चांदी की शीतल होती है. आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य का सिर ठंडा और पैर गर्म रहना चाहिए. इसलिए सिर पर सोना और पैरों में चांदी के आभूषण ही धारण करने चाहिए. इससे सिर से उत्पन्न ऊर्जा पैरों में और चांदी से उत्पन्न ठंडक सिर में जाएगी, इससे सिर ठंडा व पैर गर्म रहेंगे. चांदी की पायल पहनने से पीठ, एड़ी, घुटनों के दर्द और हिस्टीरिया रोगों से राहत मिलती है.

 

सिर और पांव दोनों में सोने के आभूषण पहनने से मस्तिष्क और पैर दोनों में समान गर्म ऊर्जा प्रवाहित होगी, जिससे इंसान रोगग्रस्त हो सकता है. पायल, चांदी की होनी चाहिए क्योंकि ये हमेशा पैरों से रगड़ती रहती है, जो स्त्रियों की हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद है. इससे उनके पैरों की हड्डी को मजबूती मिलती है.

धार्मिक पहलू भी जानें 

माना जाता है कि पीला रंग श्रीकृष्ण यानि भगवान विष्णु को प्रिय है, सोने में विष्णु का वास होता है. इस वजह से पीले रंग के आभूषण पैरों में धारण करना वर्जित माना गया है. सोने के मुकुट और अन्य गहनों को शरीर के अन्य हिस्सों पर धारण किया जाता है. इसी कारण पैरों में सोने के गहने पहनने से बचना चाहिए.

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