शनिदोष से है पीडि़त तो होली में करें यह उपाय
प्रतिदिन रात्रि के समय रामभक्त हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक लगाना चाहिए। ध्यान रखें कि यह दीपक सूर्यास्त के बाद ही लगाया जाए। तब यह निश्चित रूप से फलदायी होता है।
होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली जहाँ एक सामाजिक एवं धार्मिक त्योहार है। मान्यता है कि इस दिन स्वयं को ही भगवान मान बैठे हरिण्यकशिपु ने भगवान की भक्ति में लीन अपने ही पुत्र प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका के जरिये जिंदा जला देना चाहा था लेकिन भगवान ने भक्त पर अपनी कृपा की और प्रह्लाद के लिये बनाई चिता में स्वयं होलिका जल मरी। इसलिये इस दिन होलिका दहन की परंपरा भी है। होलिका दहन से अगले दिन रंगों से खेला जाता है इसलिये इसे रंगवाली होली और धुलेंडी भी कहा जाता है।
यदि आप शनिदोष से परेशान है तो आज आपको एक सरल उपाय बताते हैं। हनुमानजी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है क्योंकि वह सारे ग्रह दोषों का निवारण कर देते हैं। होली के मौके पर कई की पूजा-पाठ की जाती हैं जिसमें कुंडली दोष की पूजा कराना भी काफी शुभ माना गया है। यदि शनि दोष से पीडि़त हैं, तो होली के दिन एक काला कपड़ा लें और इसमें थोड़ी काली उड़द की दाल व कोयला डालकर एक पोटली बना लें। इसमें एक रुपये का सिक्का भी रखें। इसके बाद इस पोटली को अपने ऊपर से उतार कर किसी नदी में प्रवाहित कर दें और फिर किसी हनुमान मंदिर में जाकर राम नाम का जप करें। श्री बजरंगबली की कृपा से निश्चित ही इससे शनि दोष का प्रभाव कम होगा और पीड़ा का शमन होगा।
हनुमानजी की दिव्य कृपा प्राप्त करने के लिए होली वाले सप्ताह से प्रत्येक मंगलवार या शनिवार के दिन विशेष तौर पर हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। इस दिन हनुमान चालीसा या हनुमानजी के मंत्रों का जप करते हुए तेल का दीपक जलाना चाहिए। इस दौरान हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी के दीये का उपयोग करना सर्वश्रेष्ठ रहता है। इसके अलावा भी प्रतिदिन रात्रि के समय रामभक्त हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक लगाना चाहिए। ध्यान रखें कि यह दीपक सूर्यास्त के बाद ही लगाया जाए। तब यह निश्चित रूप से फलदायी होता है।