Aaj Ka Panchang: पढ़ें 22 अक्टूबर 2020 का पंचांग, आज है कात्यायनी माता की पूजा, जानें मुहूर्त, राहुकाल एवं दिशाशूल

Panchang 22 October 2020 हिन्दी पंचांग के अनुसार आज शुद्ध आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज 22 अक्टूबर दिन गुरुवार है। आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। आज मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरुप की पूजा की जाती है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 06:17 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 11:46 AM (IST)
Aaj Ka Panchang: पढ़ें 22 अक्टूबर 2020 का पंचांग, आज है कात्यायनी माता की पूजा, जानें मुहूर्त, राहुकाल एवं दिशाशूल
आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। आज मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरुप की पूजा की जाती है।

Panchang 22 October 2020: हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज शुद्ध आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज 22 अक्टूबर दिन गुरुवार है। आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। आज मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरुप की पूजा की जाती है। आज गुरुवार के दिन आपको भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की भी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में बृहस्पति की स्थिति बेहतर होती है। आज के पंचांग में राहुकाल, शुभ मुहूर्त, दिशाशूल के अलावा सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

आज का पंचांग

दिन: गुरुवार, शुद्ध आश्विन मास, शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि।

आज का दिशाशूल: दक्षिण।

आज का राहुकाल: दोपहर 01:30 बजे से 03:00 बजे तक।

आज का पर्व एवं त्योहार: शारदीय नवरात्रि षष्ठी, सरस्वती देवी का पूजन।

विक्रम संवत 2077 शके 1942 दक्षिणायन, दक्षिणगोल, शरद ऋतु शुद्ध आश्विन मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी 07 घंटे 40 मिनट तक, तत्पश्चात् सप्तमी पूर्वाआषाढ़ा नक्षत्र 24 घंटे 59 मिनट तक, तत्पश्चात् उत्तराआषाढ़ा नक्षत्र सुकर्मा योग 26 घंटे 37 मिनट तक, तत्पश्चात् धृति योग धनु में चंद्रमा।

आज का शुभ समय

अभिजित मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक।

अमृत काल: शाम को 08 बजकर 14 मिनट से रात 09 बजकर 49 मिनट तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक।

सूर्योदय और सूर्यास्त 

आज षष्ठी के दिन सूर्योदय प्रात:काल 06 बजकर 26 मिनट पर हुआ है, वहीं सूर्यास्त शाम को 05 बजकर 44 मिनट पर होना है।

चंद्रोदय और चंद्रास्त 

आज का चंद्रोदय दोपहर में 12 बजकर 15 मिनट पर होगा। वहीं, चंद्र का अस्त उसी रात 10 बजकर 44 मिनट पर होगा।

आज शुद्ध आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी है। बंगाल में नवरात्रि में षष्ठी के दिन से ही दुर्गा पूजा का आरंभ होता है। यह 5 दिनों तक चलता है। दशमी के दिन मां दुर्गा की ​मूर्तियों के विसर्जन के साथ ही समापन होता है। आज आप कोई नया कार्य करना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।

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