Motivational Story In Hindi: छल करने वाले को जरूर मिलता है बुरा फल, पढ़ें कौए और चिड़िया की यह प्रेरक कहानी

Motivational Story In Hindi आज हम आपके लिए एक और प्रेरक कहानी लाए हैं जिसका सार है कि अगर कोई व्यक्ति आपके साथ छल करता है उसे उसका फल अवश्य ही मिलता है। छल करने वाले व्यक्ति की कभी जीत नहीं होती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 02:07 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 12:14 PM (IST)
Motivational Story In Hindi: छल करने वाले को जरूर मिलता है बुरा फल, पढ़ें कौए और चिड़िया की यह प्रेरक कहानी
Motivational Story In Hindi: छल करने वाले को जरूर मिलता है बुरा फल

Motivational Story In Hindi: आज हम आपके लिए एक और प्रेरक कहानी लाए हैं जिसका सार है कि अगर कोई व्यक्ति आपके साथ छल करता है उसे उसका फल अवश्य ही मिलता है। छल करने वाले व्यक्ति की कभी जीत नहीं होती है। वहीं, जो व्यक्ति जीतता है वो कभी छल नहीं करता है। तो आइए पढ़ते हैं कौआ और चिड़िया पर आधारित यह कहानी।

एक दिन कौआ और चिड़िया भोजन को खोजने निकले। भोजन ढूंढते-ढूंढते वो एक गांव में पहुंचे। उसे गांव में एक घर दिखाई दिया जिसके घर के आंगन में एक चटाई पर लाल मिर्च सूख रही थी। कौए की नजर उन लाल मिर्चों पर पड़ी। तब उसने चिड़िया से कहा कि देखो-देखों वहां लाल मिर्च पड़ी है। कौए और चिड़िया चटाई के पास आकर बैठ गए। फिर चिड़िया ने कहा कि एक मुकाबला करते हैं। देखते हैं कौन-कौन ज्यादा लाल मिर्च खा पाता है।

कौए ने कहा कि ठीक है देखते हैं कौन जीतता है। जो जीतेगा वो दूसरे को खा जाएगा। चिड़िया को लगा कि कौए ने यह सब मजाक में कहा है तो वह मुकाबले के लिए तैयार हो गई। दोनों ने ही लाल-मिर्च खाना शुरू कर दिया। चिड़िया ने ईमानदारी दिखाई और मुकाबला बिना छल के किया। वहीं, कौआ छल का सहारा ले रहा था। चिड़िया से नजर बचाकर कौआ बेईमानी करने लगा। वह कुछ मिर्च खा रहा था और कुछ चटाई के नीचे छुपा रहा था। छल करने से कौओ जीत गया। वह चिल्लाने लगा, “मैं जीत गया। मैं जीत गया। अब मैं तुम्हें खा जाऊंगा।”

यह सुनकर चिड़िया काफी दुखी हो गई। क्योंकि वो कौए को अपना दोस्त समझती थी। लेकिन कौए ने अपना असली रंग दिखाया। वह चिड़िया को खाने के लिए उतावला हो गया। चिड़िया ने कहा, “ठीक है, तुम मुझे खा सकते हो। लेकिन मुझे खाने के पहले अपनी चोंच धोकर आओ। नजाने तुम क्या-क्या खाते हो। तुम्हारी चोंच बहुत गंदी है।”

कौए ने चिड़िया की बात मान ली और नदी किनारे चला गया। कौए ने नदी से पानी मांगा तो उसने कहा कि वो पानी देने के लिए तैयार है। लेकिन पहले एक मटका लेकर आओ। फिर जितना चाहे उतना पानी ले जाओ। फिर कौआ कुम्हार के पास गया और कहा कि वो उसके लिए एक मटका बनाए। कुम्हार ने उससे कहा कि वो मटका बना देगा लेकिन उसे मिट्टी चाहिए तो थोड़ी मिट्टी लाकर दो।

फिर कौआ उड़ता हुआ खेत में जा पहुंचा। उसने अपनी चोंच से मिट्टी खोदना शुरू किया। तब धरती ने कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि तुम कूड़ा और गंदगी खाते हो। ऐसे में तुम मेरी मिट्टी पर चोंच मारो इसकी अनुमति मैं तुम्हें नहीं दूंगी। अगर तुम्हें मिट्टी चाहिए तो कुदाल ले आओ।” फिर कौआ लोहार के पास गया। कौए ने कहा कि उसे एक कुदाल बनाकर दे।

लोहार ने कहा कि अगर उसे कुदाल चाहिए तो आग लाकर देना होना। कौआ पास ही एक घर में गया वहां किसान की पत्नी खाना बना रही ती। उसने कहा कि उसे आग चाहिए। किसान की पत्नि ने चूल्हे में जलती हुई लकड़ी निकाली और उसकी चोंच पर रख दी। आग की लपट उसने पंखों तक पहुंच गई। कुछ ही देर में कौओ जलकर भस्म हो गया। इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है कि छल करने वाले के साथ कभी अच्छा नहीं होता है।  

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