ग्रह नक्षत्रों की चाल पर बल खाएगा मानसून

वर्षारंभ के साथ ही मौसम के उलटफेर ने भले ही खेती-किसानी चौपट कर दी हो लेकिन ग्रह नक्षत्रों की चाल मानसून के अच्छे दिनों के संकेत दे रही है। हालांकि इसके लिए गरमी का तल्ख तेवर झेलने के साथ ही इंतजार भी करना होगा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 04 May 2015 01:07 PM (IST) Updated:Mon, 04 May 2015 01:20 PM (IST)
ग्रह नक्षत्रों की चाल पर बल खाएगा मानसून

वाराणसी। वर्षारंभ के साथ ही मौसम के उलटफेर ने भले ही खेती-किसानी चौपट कर दी हो लेकिन ग्रह नक्षत्रों की चाल मानसून के अच्छे दिनों के संकेत दे रही है। हालांकि इसके लिए गरमी का तल्ख तेवर झेलने के साथ ही इंतजार भी करना होगा।

गोचर में ग्रहों की चाल पर नजर डालें तो तीन मई को रात 7.51 बजे मंगल मेष से वृष राशि पर प्रस्थान कर जाएंगे। इससे मौसमी झंझावात थमेंगे और अच्छी बरसात के लिए आवश्यक गरमी भी खूब पड़ेगी। ज्योतिषीय गणना पर गौर करें तो तीन मई से गर्मी अपने चरम पर पहुंचने को आतुर होगी। इससे 16 जुलाई के बाद ही राहत मिलेगी।

ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार चाल परिवर्तन के क्रम में सूर्य 15 मई दिन में 1.48 बजे मेष से वृष राशि में होंगे, यह युति 15 जून तक रहेगी। आगे दोनों ग्रह फिर मिथुन राशि में एक साथ होंगे। आगे 17 जुलाई को 2.54 बजे मंगल की अगली राशि कर्क में सूर्य का प्रवेश हो जाएगा यानी मंगल को पछाड़ कर सूर्य मंगल से आगे होंगे।

नारद संहिता के मयूर चित्रक में वर्णित भौमस्य पृष्ठतो याति भानुश्चेज्जल शोषक:। भवत्यत्र न संदेहो विपरीतो जलप्रद:।। के अर्थ पर गौर करें तो मंगल जिस राशि में हो उसकी ठीक पिछली राशि पर सूर्य हो तो सूखा पड़ता है। इसकी विपरीत दशा होने पर पानी बरसे अर्थात यदि सूर्य मंगल से आगे गमन करे तो अच्छी वर्षा होती है। हालांकि मानसून के इस बार विलंब से आने के भी संकेत हैं। ऐसे में 16 जुलाई के बाद भरपूर वर्षा होगी। लोक कृषि विज्ञानी घाघ की कहावतों का हवाला लें तो आगे रवि पीछे चलें मंगल जो आषाढ़। तो बरसे अनमोल ही भूमि अनंदे बाढ़।। अर्थात यदि आषाढ़ में सूर्य आगे व मंगल पीछे चलते हैं तो अनमोल अर्थात अच्छी बारिश होती है और आनंद होता है। इससे सोलह जुलाई यानी आषाढ़ में बरसात अच्छी होने के आसार हैं। ऐसे में जाहिर है कृषि भी अच्छी होगी।

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