नागपंचमी पर लाखों श्रद्घालुओं ने नवाया शीश

सतपुड़ा की वादियों में शिखरधाम पर विराजे बाबा भीलट देव की महिमा बड़ी निराली है। बाबा के दर्शन व कामना में लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से खींचे आए। बाबा की महिमा को जिसने देखा, दंग रह गया। पर्व था बुधवार को नागपंचमी का।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2015 10:56 AM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2015 11:17 AM (IST)
नागपंचमी पर लाखों श्रद्घालुओं ने नवाया शीश

नागलवाड़ी-बड़वानी। सतपुड़ा की वादियों में शिखरधाम पर विराजे बाबा भीलट देव की महिमा बड़ी निराली है। बाबा के दर्शन व कामना में लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से खींचे आए। बाबा की महिमा को जिसने देखा, दंग रह गया। पर्व था बुधवार को नागपंचमी का। फोरलेन ओझर फाटे से शिखरधाम तक करीब साढ़े 13 किमी के सुहाने सफर में कदम-कदम पर श्रद्धाल ही श्रद्घालु नजर आ रहे थे। सभी बाबा के जयकारे लगाते व हाथों में धर्मध्वजा फहराए चलते रहे। इस बीच जगह-जगह पर भक्तों ने श्रद्धालुओं को निशुल्क स्वल्पाहार की सेवा दी।

नागपंचमी पर बाबा भीलट देव की तपोभूमि शिखरधाम श्रद्घालुओं से सजी हुई नजर आई। इस दौरान मंदिर संस्थान, ग्रामीण, विभिन्ना संगठन के कार्यकर्ताओं सहित पुलिस व जिला प्रशासन ने व्यवस्थाएं संभाली। श्रद्धालु कंट्रोल रूम से डेढ़ घंटे में करीब साढ़े 3 किमी विशाल पर्वत की पैदल चढ़ाई कर बाबा के दरबार पहुंचे। शिखरधाम पर बाबा के जयकारे आसमान में गूंजे। सभी श्रद्धालु साथ में नारियल व पूजा सामग्री लिए थे। श्रद्धालुओं ने बाबा के समक्ष शीश नवाकर झोली खुशियों से भरने की कामना की, किसी ने कामना पूरी होने पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। मंदिर में भक्तों का तांता मंगलवार रात से लगा हुआ था। इसी दिन से मेले का माहौल जमा हुआ है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम! ओझर फाटे से शिखर धाम तक पुलिस प्रशासन, सुरक्षा समितियों के सदस्य, संस्थान से जुड़े लोगों व स्वयंसेवी भक्तों ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली हुई थी। पूरे मार्ग पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस-सेवक मुस्तैद थे। करीब 300 पुलिस जवानों के अलावा 1 हजार सेवक सेवा में लगे थे। पहाड़ी चढ़ने से पहले बनाए गए कंट्रोल रूम से आरआई पराग खरे व एडिशनल एसपी टीएस बघेल कमान संभाले हुए थे। पहाड़ी मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था कमजोर नजर आई। साढ़े तीन किमी के मार्ग में कई बार श्रद्धालुओं में चढ़ने-उतरने के दौरान धक्का-मुक्की तक हुई। पहाड़ काटकर बनाए गए मार्ग के एक छोर में गहरी खाई है। इस ओर सुरक्षा के तौर पर कोई बेरिकेट्स नहीं लगाए गए और न ही भीड़ के हिसाब से जवान खड़े किए गए। वहीं शिखरधाम परिसर से मंदिर तक पहुंचने के बीच पहाड़ी पर संकरा रास्ता है। ऐसे में सुरक्षा के लिए दोनों तरफ बांस के बेरिकेड्स लगाए थे। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने दर्शन के लिए बांस बेरिकेड्स की दो लाइन श्रद्दालुओं के जाने व आने में एक ही लाइन थी। वीआईपी व एमरजेंसी के लिए दोनों तरफ एक-एक लाइन रिजर्व थी। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए। 9 किमी पैदल कर किए दर्शन श्रद्धालुओं को प्रमुख रूप से पहाड़ी मार्ग में पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ा। करीब 2-3 जगहों पर पानी के इंजताम थे, लेकिन अव्यवस्था के चलते पानी नहीं मिल सका। इसके चलते एक महिला गश खाकर गिर पड़ी। पहाड़ी के नीचे 5 अलग-अलग स्थानों पर 70 एकड़ पार्किंग स्थल सुबह से ही वाहनों से खचाखच भरे थे। इसके अलावा भी खेतों व गांव में हजारों दोपहिया वाहन खड़े थे। बड़े वाहनों को ग्राम में ही रोक दिया गया था। इसके कारण श्रद्धालुओं को करीब 9 किमी पैदल मंदिर तक चलना पड़ा। 100 क्विंटल से अधिक प्रसादी बांटी मंदिर संस्थान की ओर से श्रद्धालुओं में 100 क्विंटल से अधिक नुक्ती की प्रसादी का वितरण किया गया।

बाबा को भोग में लगाए 1 लाख 11 हजार लड्डुओं का सशुल्क वितरण किया गया। मंदिर संस्थान के अध्यक्ष बद्रीलाल गुप्ता, उपाध्यक्ष बजरंग गोयल, कोषाध्यक्ष यशवंत गुप्ता, सचिव महेश गेहलोत, संरक्षक दिनेश यादव के मार्गदर्शन में सभी व्यवस्थाएं सुचारु चली। मंदिर के मुख्य पुराजी महंत श्री बजरंगदासजी महाराज ने बताया कि मंगलवार से बुधवार देर रात तक करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा का आशीष प्राप्त किया। बाबा के दर्शनों का यह क्रम आगामी मंगलवार तक जारी रहेगा।

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