भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया है इस बात को वैज्ञानिक भी मानते हैं

कलियुग के आरंभ के संदर्भ में भारतीय गणना के अनुसार कलयुग का आरंभ ईसा से 3102 वर्ष पूर्व 20 फरवरी को 2 बजकर 27 मिनट तथा 30 सेकंड पर हुआ था।'

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 04 Jun 2016 04:03 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jun 2016 05:03 PM (IST)
भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया है इस बात को वैज्ञानिक भी मानते हैं

श्रीमद्भागवत गीता द्वापरयुग में लिखा गया ग्रंथ है ,जो वर्तमान में मौजूद है। इस ग्रंथ में लिखा हुआ हर शब्द भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था। यह प्रमाण है कि भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया है। इस बात को वैज्ञानिक भी मानते हैं।

भू वैज्ञानिकों द्वारा महाभारत और भागवत पुराण में वर्णित द्वारका के अवशेष पानी के भीतर से खोजे जा चुके हैं। उन्हें द्वापरयुग के सिक्के भी प्राप्त हुए हैं, जिनमें कृष्ण से सम्बंधित चिह्न उत्तकीर्ण हैं। इनसे प्रमाणित होता है कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण ने इस पृथ्वी पर जन्म लिया था।

प्रमाणित होता है कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण ने इस पृथ्वी पर जन्म लिया था। - See more at: http://naidunia.jagran.com/spiritual/kehte-hain-scientists-have-proved-krishna-was-born-on-earth-751820#sthash.n1osapls.dpuf

वैदिक साहित्य और बौद्ध धर्म के सूत्र पिटक और ललितविस्तर सूत्र में भी श्रीकृष्ण का वर्णन मिलता है। इनसे सिद्ध होते है कि भगवान श्रीकृष्ण मिथक नहीं, बल्कि द्वापरयुग में जन्में थे।

वहीं, भागवत महापुराण के द्वादश स्कंद के द्वितीय अध्याय के अनुसार, 'कलियुग के आरंभ के संदर्भ में भारतीय गणना के अनुसार कलयुग का आरंभ ईसा से 3102 वर्ष पूर्व 20 फरवरी को 2 बजकर 27 मिनट तथा 30 सेकंड पर हुआ था।'

पुराणों में भी उल्लेखित है कि, 'जब श्री कृष्ण का स्वर्गवास हुआ तब कलयुग का आगमन हुआ, इसके अनुसार कृष्ण जन्म 4,500 से 3,102 ई. पूर्व के बीच मानना ठीक रहेगा। इस गणना को सत्यापित करने वाली खोज मोहनजोदाड़ो सभ्यता के विषय में 1929 में हुई।'

इतिहासकार ई.जे.एच. मैके द्वारा मोहनजोदाड़ो में हुए उत्खनन में एक प्राचीन भित्तिचित्र मिला जिसमें दो वृक्षों के बीच खड़े एक बच्चे का चित्र बना हुआ था, जो हमें भागवत आदि पुराणों में लिखे कृष्ण द्वारा यमलार्जुन के उद्धार की कथा के ओर ले जाता है।

इसके अनुसार महाभारत का युद्ध 3000 ई. पूर्व हुआ होगा जो पुराणों की गणना में सटीक बैठता है। इससे भगवान कृष्ण के जन्म का सटीक अंदाजा मिलता है।

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